रूस-यूएसए में बढ़ा तनाव, रूस ने की जवाबी कार्रवाई, 10 अमेरिकी राजनयिकों को निकाला

रूस-यूएसए में बढ़ा तनाव, रूस ने की जवाबी कार्रवाई, 10 अमेरिकी राजनयिकों को निकाला

प्रेषित समय :16:01:49 PM / Sat, Apr 17th, 2021

मास्को. रूस ने जिन अमेरिकी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है, उनमें अमेरिकी जाँच एजेंसी एफ़बीआई के निदेशक और अमेरिका के अटॉर्नी जनरल शामिल हैं. अमेरिका ने एक दिन पहले रूस के कई अधिकारियों के ख़िलाफ़ ऐसी ही कार्रवाई की थी जिसके बाद रूस ने कहा था कि वो भी इसका जवाब देगा.

दोनों देशों ने ये क़दम ऐसे वक़्त उठाया है, जब दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है. रूस बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को यूक्रेन की सीमा के पास जमा कर रहा है. वहीं अमेरिका अपने लड़ाकू जहाज़ों को ब्लैक सी की ओर भेज रहा है जिसके बाद रूस ने उसे चेतावनी दी है.

इस तनाव के बीच गुरुवार को अमेरिका ने रूस पर साइबर हमले और दूसरी शत्रुतापूर्ण गतिविधियाँ करने की बात करते हुए उसके ख़िलाफ़ प्रतिबंधों की घोषणा की और 10 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. अमेरिका का कहना था कि उसने प्रतिबंध का मक़सद रूस की 'हानिकारक विदेशी गतिविधियों की रोकथाम करना है.

उसने एक बयान में कहा कि पिछले वर्ष सोलरविन्ड्स की बड़ी हैकिंग के पीछे रूसी ख़ुफिय़ा एजेंसियों का हाथ था. उसने साथ ही रूस पर 2020 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया है.

पिछले महीने अमेरिका ने रूस के सात अधिकारियों के खिलाफ़ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक एलेक्सी नवेलनी को ज़हर देने के मामले में कार्रवाई की थी. रूस इन सभी आरोपों से इनकार करता है. हालाँकि इन सब के बीच इस सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक शिखर बैठक करने का भी प्रस्ताव रखा.

रूस ने किन पर लगाया प्रतिबंध?

रूस ने अमेरिका के 10 राजनयिकों को देश छोड़कर जाने का आदेश दिया है. उसने साथ ही आठ अन्य अधिकारियों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है. इनमें अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड, एफ़बीआई निदेशक क्रिस्टोफऱ रे, अमेरिकी घरेलू नीति प्रमुख सुज़ैन राइस शामिल हैं. रूस ने साथ ही पोलैंड के पाँच राजनयिकों को भी देश छोडऩे के लिए कह दिया है. इससे पहले पोलैंड ने भी रूस के पाँच अधिकारियों को निष्कासित किया था.

अमेरिका ने गुरुवार को 10 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने के साथ 32 अधिकारियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की थी. उसने उनपर पिछले साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने और भ्रामक जानकारियाँ फैलाने का आरोप लगाया था. अमेरिका ने साथ ही अपने वित्तीय संस्थानों पर भी जून से रूबल में कारोबार करने वाले बॉण्ड खऱीदने पर पाबंदी लगा दी थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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