नई दिल्ली. देश में कोरोना की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत में एक दिन में कोरोना के 2.61 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन की आहट सुनाई देने लगी है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों ने अपने यहां अलग अलग पाबंदी लगा रखी है. लेकिन जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है उसे देखते हुए लगता है कि सरकार के पास लॉकडाउन ही एक मात्र विकल्प बचेगा.
हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में जल्दबाजी में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा और फिलहाल ऐसी स्थिति भी नहीं दिख रही है. इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में अमित शाह से जब पूछा गया कि देश में विकराल होते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए क्या लॉकडाउन ही एक विकल्प बचता है. इस पर शाह ने कहा- हम कई स्टेक होल्डर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं. पिछले साल जब कोरोना आया था तब लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था. हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रेखा तैयार करना चाहते थे.
उन्होंने बताया कि पिछले साल हम कोरोना को लेकर तैयार नहीं थे. तब हमारे पास कोई दवा या टीका नहीं था. अब स्थिति काफी बदल चुकी है. डॉक्टर कोरोना को अच्छी तरह से समझ चुके हैं. फिर भी हम मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं. आम सहमति जो भी हो, हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे. फिलहाल जिस तरह की स्थिति दिख रही है उसे देखते हुए लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं दिख रही है.
अमित शाह से पूछ गया कि- इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान कई पहल हुईं. आपातकाल वाली चीजें अब क्यों नहीं है? इस पर उन्होंने कहा कि इसमें सच्?चाई नहीं है. मुख्यमंत्रियों के साथ हमारी बैठकें जारी हैं. इसके अलावा राज्य के राज्यपालों के साथ एक बैठक हुई थी. टीकाकरण के मोर्चे पर वैज्ञानिकों के साथ बात हुई है. कोरोना की जंग जीतने की हर मुमकिन कोशिश जारी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कांग्रेस, कम्युनिस्टों एवं टीएमसी की तिकड़ी ने सालों तक गोरखाओं के साथ अन्याय किया: अमित शाह
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