नई दिल्ली. कोरोना काल में सामान्य शवों के दाह-संस्कार के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. ऐसे में हैदराबाद के एक कपल ने फ्यूनेरल सेवा सर्विसेज लॉन्च की है. इसके तहत घर से शव को उठाने के लिए गाड़ी के इंतजाम, पंडित की व्यवस्था, दाह-संस्कार के सामान, लकड़ी आदि की पूरी व्यवस्था कंपनी करेगी. कॉरपोरेट स्टाइल में बनाये गये इस फर्म में बिजनेस मैनेजर से लेकर लोकल एजेंट्स और सपोर्ट स्टाफ हैं, जो सभी चीजों की व्यवस्था करते हैं. दाह-संस्कार के लिए 30 से 35 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं.
दाह-संस्कार भी बना करोबार
चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद समेत देश के 10 शहरों में कंपनी अपनी सेवा उपलब्ध करवा रही है. दाह-संस्कार के लिए कंपनी में पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. कंपनी के पास पैक भी उपलब्ध है गोल्ड और बेसिक. कोविड मरीजों के दाह-संस्कार के लिए कंपनी 30 हजार रुपये ले रही है. गोल्ड पैक के तहत कंपनी 85 हजार तक वसूल रही है.
सालाना कमाई 75 लाख रुपये
मेरठ शहर में गंगा मोटर कमेटी की सरपरस्ती में संचालित सूरजकुंड श्मशान स्थल में शवों का अंतिम संस्कार एक कारोबार बन चुका है. दक्षिणा के नाम पर आचार्यों की सालाना कमाई 75 लाख रुपये से भी अधिक है. श्मशान में 42 आचार्यों का ग्रुप है, जो अंतिम संस्कार से संबंधित कार्यों को संचालित करता है. श्मशान में शव आते ही पूरा पैकेज मृतक के परिजनों को बता दिया जाता है. एक आचार्य अपना एक दिन दूसरे को देने के लिए 2.5 लाख रुपये तक की सालाना पगड़ी लेता है. इसके बाद वह दिन दूसरे के हिस्से में आ जाता है. कुछ आचार्य घंटों के हिसाब से भी समय देते हैं और दक्षिणा का आधा हिस्सा उनके खाते में जाता है.
रेमडेसिविर के नाम पर बेच रहा था पानी, पुलिस ने दबोचा
देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद मिलावट की भी खबरें आने लगी है. कर्नाटक पुलिस ने मैसूर से एक ऐसे नर्स को गिरफ्तार किया है जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी में सलाइन और एंटीबायोटिक्स मिला कर बेच रहा था. व्यक्ति ने खुलासा किया है कि वह अपने साथियों के साथ पिछले साल से ऐसा कर रहा है.
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