जकार्ता. इंडोनेशिया में बुधवार को एक पनडुब्बी समुद्र से लापता हो गई है, जिसमें क्रू के 53 सदस्य सवार थे. देश की नौसेना ने इसकी तलाश करना शुरू कर दिया है, साथ ही पड़ोसी देश ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर से मदद मांगी है. इंडोनेशियाई के सैन्य प्रमुख ने यह जानकारी दी है. नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, जर्मनी में निर्मित पनडुब्बी केआरआई नांग्गाला-402 बाली द्वीप के उत्तर में पानी में टारपीडो ड्रिल कर रही थी.
सैन्य प्रमुख हादी तहजांतो ने एक टेक्स्ट मैसेज में कहा है, 'हम बाली के पानी में अब भी तलाश कर रहे हैं, ये जगह बाली से 60 मील (96 किलोमीटर) दूर है.Ó सैन्य प्रमुख ने इस बात की भी पुष्टि की है कि ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर से पनडुब्बी और लापता क्रू सदस्यों की तलाश के लिए मदद मांगी गई है. उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह 4.30 पनडुब्बी के साथ संपर्क टूट गया था. हालांकि इस मामले में ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के रक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने अभी तक कुछ नहीं कहा है.
साल 1978 में हुआ निर्माण
इंडोनेशियाई कैबिनेट सेक्रेटेरिएट की वेबसाइट के अनुसार, पनडुब्बी ्यक्रढ्ढ हृड्डठ्ठद्दद्दड्डद्यड्ड-402 का वजन 1395 टन है. जिसका निर्माण साल 1978 में हुआ था. ये मरम्मत के लिए साल 2012 तक दो साल के लिए दक्षिण कोरिया (स्शह्वह्लद्ध ्यशह्म्द्गड्ड) में भी रही थी. इससे पहले इंडोनेशिया ने सोवियत संघ से खरीदी गई 12 पनडुब्बियों को अपने विशाल द्वीपसमूह में गशत के लिए संचालित किया था. लेकिन अब इस देश के पास केवल पांच पनडुब्बियों का बेड़ा है, जिसमें से दो जर्मनी में निर्मित टाइप 209 पनडुब्बी हैं और तीन नई दक्षिण कोरियाई पनडुब्बी हैं.
पहले भी हो चुके हैं हादसे
इंडोनेशिया ने बेशक अपनी रक्षा क्षमताओं को उन्नत करने की बात कही थी, लेकिन सेवा में शामिल उसके कई उपकरण पुराने हैं और इनके कारण कई घातक हादसे भी हुए हैं. हाल के वर्षों में कई सैन्य परिवहन विमान से जुड़े हादसे देखने को मिले हैं. वहीं इस पनडुब्बी के लापता होने के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है.
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