-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है.
* भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं!
* प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं.
* शिवोपासना में दूर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से... नम: शिवाय का जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं.
* सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है.
* प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत वस्त्रों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है.
* जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है, प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते हंै.
* इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं इसलिए उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विषेष फलदायी मानी जाती है.
विभिन्न दिनों के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता हैै....
* शनिवार प्रदोष व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
* रविवार के दिन प्रदोष व्रत हमैशा स्वस्थ रखता है.
* सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
* मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से ऋण-रोग से मुक्ति मिलती है.
* बुधवार के दिन यह व्रत करने सर्वकामना सिद्धि होती है.
* बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है.
* शुक्रवार प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है.
* संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है....
ऐसे करें प्रदोष व्रत...
* प्रदोष व्रत करने के लिए त्रयोदशी के दिन सवेरे सूर्योदय से पहले जाग जाएं.
* पवित्र स्नान करें और शिवशंकर की पूजा-अर्चना करें.
* दिन में भोजन नहीं करें.
* सूर्यास्त से एक घंटा पहले, पवित्र स्नान कर श्वेत वस्त्र धारण करें.
* प्रदोष व्रत के लिए पूजा-आराधना करने को कुशा का आसन उपलब्ध हो तो सर्वोत्तम.
* पूजन में शिवलिंग पर- ऊँ नम: शिवाय, का जाप करते हुए जल चढ़ाएं.
ऐसे करें उद्यापन...
* एक वर्ष तक रखने के बाद व्रत का उद्यापन करते हैं.
* व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करते हैं.
* उद्यापन से एक दिन पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हैं तथा रात में जागरण करते हैं.
* सवेरे पूजास्थल, मंडप आदि की सजावट करते हैं.
* पूजा के बाद हवन किया जाता है, हवन के बाद शिवजी की आरती करते हैं.
* इसके बाद यथाशक्ति बाह्मण भोजन और दक्षिणा प्रदान कर, आशीर्वाद लिया जाता है.
* प्रदोष व्रत जीवन में हर प्रकार के सुख प्रदान करता है.
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आसानी से लोगों की मदद मिलने की वजह से आप अपने लिए कोई खतरा न पैदा करते चले जाएँ. अपने खर्चों क व्यर्थ में बढ़ा लेना भी एक तरह की गलती है जिसे बेकाबू न होने दें.
वृष राशि:- कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी सहयोगी हों या आपके बॉस, किसी से भी मतभेद में बिलकुल न पड़ें. ऐसा करके आप अपनी दिक्कतों को कहीं इतना न बढ़ा लें की उसका बुरा असर आपके काम की स्थिरता पर पड़े.
मिथुन राशि:- किसी प्यार के रिश्ते को समझने में या उसमे समय लगाने में कोई कमी न रखें. हालात मददगार हैं इसलिए भी अपनी स्तिथि का सही आंकलन करना होगा, ताकि घर-परिवार से जुडी चिन्ताओं को लेकर आप कहीं परेशान न हो जाएँ.
कर्क राशि:- घर-परिवार में किसी छोटी बात को लेकर किसी बात को बिगाड़ें नहीं. ऐसे किसी अहम व्यक्ति को नाराज़ कर लेना ठीक नहीं है जो आपकी मदद करना चाह रहा है.
सिंह राशि:- अपनी मेहनत को और अपनी लगन को इस रूप से बनायें की वो आपको लोगों से जोड़ सके. रिश्तों की अच्छी बनती हुई संभावनाओं से कामकाज के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी. अपने साथी सह्योगिओं को किसी भी वजह से शक की नजर से बिलकुल न देखें.
कन्या राशि:- किसी भी तरह की बहस में पैसे को मुद्दा न बनायें. ऐसा करने से पैसे के फंसने का अंदेशा हो जायेगा और यही इस समय ठीक नहीं है.
तुला राशि:- चाहे घर-परिवार के रिश्तों की बात हो या किसी प्यार के रिश्ते की, किसी भी एक रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए किसी दुसरे रिश्ते को नाराज़ न कर लें. ऐसा करके आप व्यर्थ में लोगों से फासले न बढाते चले जाएँ.
वृश्चिक राशि:- अपनों के करीब आने के जो भी अच्छे मौके मिल रहे हैं उन्हें अपने हाथ से जाने न दें. ऐसे में अपनी सीमाओं से बढ़कर भी कुछ किसी के लिए कुछ करना पड़े तो भी घबराएँ नहीं.
धनु राशि:- अपने दोस्तों से किसी बहस में बिलकुल न पड़ें और अगर कोई बहस छिड जाये तो उसमे सिर्फ अपने फायदे की बात न करते चले जाएँ, ऐसा करके आप कहीं अपनी छवि न बिगाड़ लें.
मकर राशि:- अपने कामकाज में नियमित हो जाने के जो फायदे हैं उन्हें कम न समझें. अपने पैसे की स्तिथि को अगर बचाए रखना है तो बहुत ज्यादा उदारता भी न दिखाएँ. थोडा सा अपना हाथ खींच लें.
कुम्भ राशि:- अपनी अच्छाई को बनाये रखना है तो किसी भी तरह की गलतफ़हमी में न पड़ें. अपनी बात बहुत स्पष्टता से कहें ताकि कोई दिक्कत पैदा ही न हो.
मीन राशि:- अपने काम या कारोबार को लेकर कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपको किसी खतरे में डाल दे. ऐसे समय में अपनी बचत को भी किसी खतरे में डालना ठीक नहीं होगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
शनिवार का चौघडिय़ा
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- काल पहला- लाभ
दूसरा- शुभ दूसरा- उद्वेग
तीसरा- रोग तीसरा- शुभ
चौथा- उद्वेग चौथा- अमृ
पांचवां- चर पांचवां- चर
छठा- लाभ छठा- रोग
सातवां- अमृत सातवां- काल
आठवां- काल आठवां- लाभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
शनिवार, 24 अप्रैल, 2021
प्रदोष व्रत
शक सम्वत 1943 प्लव
विक्रम सम्वत 2078
काली सम्वत 5123
दिन काल 13:04:41
मास चैत्र
तिथि द्वादशी - 19:19:41 तक
नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी - 06:23:21 तक, उत्तरा फाल्गुनी - 28:24:28 तक
करण बव - 08:39:42 तक, बालव - 19:19:41 तक
पक्ष शुक्ल
योग घ्रुव - 11:42:04 तक
सूर्योदय 05:47:12
सूर्यास्त 18:51:54
चन्द्र राशि सिंह - 11:56:59 तक
चन्द्रोदय 15:52:59
चन्द्रास्त 28:36:00
ऋतु ग्रीष्म
अग्निवास पृथ्वी - 07:17 पी एम तक, आकाश
नक्षत्र शूल उत्तर से 06:22 ए एम से
04:24 ए एम, अप्रैल 25
दिशा शूल पूर्व
चन्द्र वास पूर्व - 11:56 ए एम तक
दक्षिण से 11:56 ए एम से पूर्ण रात्रि
राहु वास पूर्व
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