मेरठ. लखनऊ के बाद अब मेरठ में कोरोना संक्रमण से पीडि़त मरीज के उपचार में प्रयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का बड़ा मामला सर्विलांस की टीम ने पकड़ा है.यह खेल सुभारती मेडिकल कालेज में चल रहा था.
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि गुरूवार को एक मरीज की मौत हो गई थी. उसको रेमडेसिविर की जगह शीशी में पानी भरकर लगा दिया था. इस कारण से उसे रेमडेसिविर का इंजेक्शन नहीं मिल पाने से मरीज की गुरूवार को मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुल आठ लोगों को पकड़ लिया गया है. इसमें छह गार्ड समेत दो कर्मचारी हैं. वहीं सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल भटनागर व उनके बेटे समेत कुल दस लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पूछताछ में दो कर्मचारियों ने डिस्टिल वाटर लगाने की बात कबूली है.
इंजेक्शन की जगह लगा दी डिस्टिल वाटर, मरीज की मौत
सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड स्थित सेकेंड फ्लोर पर गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन भर्ती थे. शोभित जैन को रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता थी. जिसे लेकर पहले तो परिवार ने कड़ी मशक्कत की, बाद में जब मिला तो तुरंत ही कर्मचारियों को दे दिया. जिसके बाद से दो कर्मचारियों ने बड़ा हेरफेर करते हुए रेमडेसिविर की जगह डिस्टल वाटर शीशी में भरकर लगा दिया और रेमडेसिविर इंजेक्शन को बचा लिया. जिसका नतीजा यह हुआ की मरीज की जान नहीं बच सकी और गुरूवार को शोभित जैन की की सांसे थम गई.
25 हजार में बेचा जा रहा था
पुलिस ने जब दोनों कर्मचारियों को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की तो राज से पर्दाफाश हो गया. इंजेक्शन को सुभारती कालेज के बाहर 25 हजार में बेचा जा रहा था. सूचना के बाद पुलिस ने सुभारती के कर्मचारी आबिद और अंकित को गेट पर ही दबोच लिया. दोनों ने सर्विलांस की टीम के साथ हाथापाई भी कर दी. उसके बाद अंदर से सुभारती के स्टाफ ने पुलिस से इंजेक्शन छीनने की कोशिश की. बाद में पुलिस बल बुलाकर आबिद और अंकित को पकड़ लिया. वहीं आज छह और लोगों को पकड़ लिया गया है, जो अस्पताल में गार्ड का काम करते हैं.
इंजेक्शन की जिम्मेदारी सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी की थी
पूछताछ में सामने आया कि इंजेक्शन की जिम्मेदारी सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर की थी. साथ ही उनके बेटे डा. कृष्ण मूर्ति के नेतृत्व में इंजेक्शन मरीज को लगाया जाना था. पुलिस ने जानी थाने में अतुल कृषण भटनागर, उनके बेटे डा. कृष्ण मूर्ति कर्मचारी आबिद और अंकित को रेमडेसिविर की कालाबाजारी में नामजद कर दिया. साथ ही आबिद और अंकित के साथ छह बाउंसर को भी गिरफ्तार कर लिया है .
एसएसपी ने क्या कहा
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सुभारती में रेमडिसिवर की कालाबाजारी में बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था. उसके बाद इंजेक्शन को बाहर ब्लैक में 25 हजार का बेचा जा रहा था. इसी के चलते एक मरीज शोभित जैन की मौत भी हो चुकी है. एसएसपी ने बताया कि मरीज को डिस्टिल वाटर लगाई गई थी, जबकि रेडमेसिविर को बचा लिया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प्रियंका गांधी ने कहा: यूपी में योगी सरकार आक्रांता की भूमिका में आ गई है
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