पलपल संवाददाता, रतलाम. मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर के इंजेक्शन की ओर कालाबाजारी की जा रही है तो दूसरी ओर रतलाम में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का खुलासा हुआ है, जिसमें एक युवक ने अपनी नर्स बहन के साथ यह खेल शुरु किया, बहन मेडिकल मेडिकल कालेज से रेमडेसिविर की खाली शीशी लेकर आती, जिसमें भाई एंटीबायोटिक सेफ्ट्रिक्सोन पाउडर मिलाकर फेवीक्विक से पैक करके दलालों को 8 हजार रुपए में बेचता, जिसे दलाल 35 से 40 हजार रुपए में बेचते रहे. पुलिस ने अभी तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस अधिकारियों की माने तो रतलाम के जीवांश अस्पताल में पुलिस ने दबिश दी, जहां पर ड्यूटी कर रहे दो डाक्टरों को 30 हजार रुपए में इंजेक्शन की डिलीवरी देते हुए पकड़ा था, जिन्होने पूछताछ में दवा कारोबारी के बारे में बताया जिसे मंदसौर से गिरफ्तार किया गया. तीनों से पूछताछ के बाद मेडिकल कालेज की नर्स रीना प्रजापति व उसके भाई पंकज प्रजापति, गोपाल मालवीय व रोहित मालवीय के बारे में पता चला, जिसपर पुलिस ने इन्हे भी सरगर्मी से तलाश कर पकड़ा, जिनके पास से नकली इंजेक्शन सहित अन्य सामान बरामद किया, जब्त किए गए इंजेक्शन व सामान को जांच के लिए सागर भेजा जा रहा है. जिसमें यह जानकारी लगी नर्स रीना प्रजापति रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशी लेकर आती थी, जिसमें उसका भाई पंकज एंटीबायोटिक सेफ्ट्रिक्सोन पाउडर भरता, इसके बाद फेवीक्विक से पैक करके दलालों को बेच देता था. पुलिस का कहना है आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि अभी तक कितने इंजेक्शन बेचे है.
दो डाक्टर, नर्स, दवा कारोबारी सहित सात लोग गिरफ्तार-
पुलिस ने इस मामले में अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें रतलाम के जीवांश अस्पताल के डाक्टर उत्सव नायक, यशपालसिंह, दवा कारोबारी प्रणव जोशी, मेडिकल कालेज की नर्स रीना प्रजापति, उसका भाई पंकज, जिला अस्पताल में पर्ची बनाने वाले गोपाल व रोहित मालवीय है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वालों के लिए खुश-खबरी, जल्द ही मिलेगी ज्वाइनिंग
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