हनुमान जी ने प्रत्येक स्त्री को मां समान दर्जा दिया है...

हनुमान जी ने प्रत्येक स्त्री को मां समान दर्जा दिया है...

प्रेषित समय :21:55:48 PM / Sun, May 2nd, 2021

हनुमान जी सदा ब्रह्मचारी रहें. शास्त्रों में हनुमान जी की शादी होने का वर्णन मिलता है. लेकिन ये शादी भी हनुमान जी ने वैवाहिक सुख प्राप्त करने की इच्छा से नहीं की. बल्कि उन 4 प्रमुख विद्याओं की प्राप्ति के लिए की थी. जिन विद्याओं का ज्ञान केवल एक विवाहित को ही दिया जा सकता था.

         इस कथा के अनुसार हनुमान जी ने सूर्य देवता को अपना गुरु बनाया था. सूर्य देवता ने नौ प्रमुख विद्याओं में से पांच विद्या अपने शिष्य हनुमान को सिखा दी थी. लेकिन जैसे ही बाकी चार विद्याओं को सिखाने की बारी आई. तब सूर्य देव ने हनुमान जी से शादी कर लेने के लिए कहा क्योंकि ये विद्याओं का ज्ञान केवल एक विवाहित को ही दिया जा सकता था.

       अपने गुरु की आज्ञा से हनुमान ने विवाह करने का निश्चय कर लिया. हनुमान जी से विवाह के लिए किस कन्या का चयन किया जाए, जब यह समस्या सामने आई. तब सूर्य देव ने अपनी परम तेजस्वी पुत्री सुवर्चला से हनुमान को शादी करने की प्रस्ताव दिया.

        हनुमान जी और सुवर्चला की शादी हो गई. सुवर्चला परम तपस्वी थी. शादी होने के बाद सुवर्चला तपस्या में मग्न हो गई. उधर हनुमान जी अपनी बाकी चार विद्याओं के ज्ञान को हासिल करने में लग गए. इस प्रकार विवाहित होने के बाद भी हनुमान जी का ब्रह्मचर्य व्रत नहीं टूटा.

       हनुमान जी ने प्रत्येक स्त्री को मां समान दर्जा दिया है. यही कारण है कि किसी भी स्त्री को अपने सामने प्रणाम करते हुए नहीं देख सकते बल्कि स्त्री शक्ति को वे स्वयं नमन करते हैं.

         यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी की सेवा में दीप अर्पित कर सकती हैं. हनुमान जी की स्तुति कर सकती हैं. हनुमान जी को प्रसाद अर्पित कर सकती हैं.

 लेकिन 16 उपचारों जिनमें चरण स्पर्श, मुख्य स्नान, वस्त्र, चोला चढ़ाना आते हैं, ये सब सेवाएं किसी महिला के द्वारा किया जाना हनुमान जी स्वीकार नहीं करते हैं.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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