कोटा. कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने सरकार के निर्देशों के बावजूद रेलवे के कई विभागों में गर्भवती महिलाएं व दिव्यांग कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाने पर डीआरएम से कड़ी आपत्ति जताई थी और मांग की थी कि ऐसे स्टाफ को आफिस में नहीं बुलाया जाए. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और आज शुक्रवार 7 मई को आदेश जारी करते हुए गर्भवती महिला कर्मचारी व दिव्यांग कर्मचारियों को जो रोस्टर पर कार्यालय पहुंच रहे थे, उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है.
डबलूसीआरईयू महामंत्री मुकेश गालव ने मंडल रेल प्रबंधक कोटा को पत्र लिखकर कहा था कि केेंद्र व रेलवे मंत्रालय के आदेश के बावजूद कोरोना के इस विषम दौर में भी कई विभागों में अफसर, गर्भवती महिला स्टाफ व दिव्यांग स्टाफ को रोस्टर पर कार्यालय में बुलाया जा रहा है, जो काफी गंभीर विषय है और इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए ऐसे स्टाफ को नियमों के तहत आफिस आने से छूट प्रदान की जाये.
यूनियन की मांग पर हुआ निर्णय
डबलूसीआरईयू की आपत्ति के बाद आज कोटा मंडल प्रशासन ने समस्त शाखा अधिकारी कोटा मंडल को आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि आगामी 31 मई 2021 तक दिव्यांग कर्मचारियां एवं गर्भवती महिला कर्मचारियों को रोस्ट ड्यूटी से मुक्त रखते हुए वर्क फार होम कान्सेप्ट पर 31 मई 2021 तक कार्य लिया जाए और इसे सभी विभाग तत्काल लागू करें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोटा में कूड़ा गाड़ी के जरिए सांप्रदायिक ऑडियो चलाने के आरोप में दो गिरफ्तार
पमरे के कोटा में अंडरब्रिज के पास खुदाई के दौरान हादसा, 4 मजदूर दबे, 1 की मौत
Leave a Reply