पलपल संवाददाता, जबलपुर. कोरोना संकटकाल में मरीजों के लिए जीवन रक्षक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लोगों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया, यहां तक कि नकली इंजेक्शन का कारोबार तक शुरु हो गया. गुजरात के मोरबी, सूरत व अहमदाबाद में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के खुलासे के बाद इसके तार जबलपुर से भी जुड़ गए है, मोरबी गुजरात की पुलिस ने जबलपुर के अधारताल क्षेत्र से भी सपन जैन नामक युवक को गिरफ्तार किया है, जो भगवती फार्मा का संचालक है, उसकी एक दुकान अधारताल तिराहा पर है, इसके अलावा इंदौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में से एक जबलपुर का रहने वाला है. दोनों के पकड़े जाने के बाद इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जबलपुर में 200 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए है. वहीं जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक मोखा का नाम भी सामने आ गया है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मोरबी थाना गुजरात से आई पुलिस की टीम ने अधारताल पुलिस की मदद से आशा नगर अधारताल निवासी सपन उर्फ सोनू जैन को गिरफ्तार किया, जिसे पुलिस गुजरात लेकर रवाना हो गई, सपन के खिलाफ मोरबी थाना में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में शामिल होने का प्रकरण दर्ज है, पुलिस क ो पूछताछ में सपन से कई चौकाने वाली बाते सुनने को मिली है, सपन ने जबलपुर में भी भारी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे है, जब रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी मची रही, इस दौरान सपन जैन ने एक-एक हजार रुपए में इंजेक्शन बेचने का सौदा कई अस्पतालों के संचालकों से कर लिया था, सूत्रों की माने तो सपन से पूछताछ में कई अस्पताल संचालकों के नाम सामने आने की भी खबर है.
कई अस्पतालों की दवा दुकान में काम कर चुका है सपन-
पुलिस अधिकारियों की माने तो आशा नगर निवासी सपन उर्फ सोनू जैन शहर के कई निजी अस्पतालों की दवा दुकानों का भी संचालन कर चुका है, यहां तक कि विक्टोरिया अस्पताल परिसर में रेडक्रास की दुकान भी चलाता रहा, यातायात थाना के पास मेडिकल स्टोर भी संचालित है, इसके अलावा कई फार्मा कंपनियों की भी एजेंसी लेकर रखी है. सपन की अधारताल तिराहा पर ज्वेलरी व उसके चाचा की सत्येन्द्र मेडिकल नाम से दुकान है.
ऐसे हुआ है खुलासा-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार एक मई को गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरो हा पर्दाफाश किया था, गिरोह के सदस्य, नमक, ग्लूकोज मिलाकर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करते रहे, मोरबी थाना गुजरात की पुलिस ने सात आरोपियों को हिरासत में लेकर 3371 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, 90 लाख रुपए जब्त किए थे, आरोपी सूरत के पिंजरत गांव के फार्म हाउस में इसे तैयार करते रहे, गुजरात में हुए खुलासे के बाद इंदौर व भोपाल में भी नकली इंजेक्शन से जुड़े लोग पकड़े गए है.
इंदौर पुलिस ने भी जबलपुर सक एक युवक को पकड़ा-
इधर इंदौर पुलिस ने भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक आरोपी मधुवनी बिहार कालोनी निवासी आनंद झा है तो दूसरा नर्मदा कालोनी कृष्णा होम्स बिलहरी निवासी महेश चौहान है, दोनों ने मध्यप्रदेश में करीब 12 से ज्यादा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए है, जिसमें 200 से ज्यादा जबलपुर में बिके है, जबलपुर में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपने स्तर पर पुलिस ने जांच शुरु कर दी है, जबलपुर में और भी लोगों के बारे में जानकारी मिल रही है, जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में लिप्त है. ,
जबलपुर के इस निजी अस्पताल के संचालक का नाम सामने आया-
खबर है कि जबलपुर के नेपियर टाउन स्थित सिटी अस्पताल के संचालक मोखा का नाम भी सामने आया है, आरोपी सपन जैन के चाचा सत्येन्द्र जैन ने बताया कि सिटी अस्पताल के संचालक से उसके भतीजे को दवाओं के 50 लाख रुपए लेना थी, जिसपर कहा गया कि गुजरात से इंजेक्शन लेकर आ जाओं को 50 लाख रुपए रिलीज कर दिए जाएगें. संचालक ने नकली इंजेक्शन देने वाले डीलर का नम्बर भी सपन को दिया था. अधारताल पुलिस ने दो नकली इंजेक्शन सत्येन्द्र जैन के घर से बरामद भी किए है.
जबलपुर में भगवती फार्मा, दवा दुकान में भी जांच-
खबर है कि पुलिस की एक टीम ने दवा बाजार स्थित भगवती फार्मा व अधारताल स्थित दवा दुकान पहुंचकर जांच की कार्यवाही की है, इस मामले में और भी कई बड़े खुलासे होगें, जिसमें जबलपुर के कई बड़े चेहरे बेनकाब होगें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात पुलिस ने एक युवक को जबलपुर से पकड़ा, यहां पर भी बिके 200 से ज्यादा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन
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