बहादुरगढ़. खेती कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन बड़े विवाद में आ गया है. बवाल हरियाणा-दिल्ली के बॉर्डर पर झज्जर जिले के टीकरी में चल रहे धरने में आई पश्चिमी बंगाल की एक युवती की मौत के बाद खड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से मरी इस युवती के साथ दुष्कर्म का आरोप भी उठा है. इस मामले में पुलिस ने कुल 6 लोगों के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज की है. इसमें 4 किसान नेताओं के नाम शामिल है, वहीं आदोलन से जुड़ी दो महिला वालंटियरों पर अंगुली उठी है.
बता दें कि 10 दिन पहले युवती की कोरोना से मौत होने के बावजूद किसानों ने शव यात्रा निकाली थी. हालांकि कोरोना संक्रमित का एक निश्चित गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जाता है. किसान आंदोलन के बीच कोरोना से यह पहली मौत थी. इसी बीच युवती के साथ कुछ गलत होने की बातें भी सामने आई थी, लेकिन इस बात को अनदेखा कर दिया गया और कहा गया कि युवती की मौत तो कोरोना से हुई है. हालांकि युवती कोरोना संक्रमित थी, मगर किसानों का कहना था कि उन्हें बदनाम करने के लिए दुष्कर्म होने जैसी बातें की जा रही हैं. युवती का अंतिम संस्कार तो कर दिया गया, लेकिन दुष्कर्म होने का मामला गरमाया रहा. शनिवार को संयुक्त मोर्चा की मीटिंग हुई थी.
अब युवती के पिता के बयान पर अब बहादुरगढ़ शहर थाने में मामला दर्ज हुआ है. आरोपी किसान सोशल आर्मी से जुड़े हैं, जिनकी पहचान अनिल मलिक, अनूप सिंह, अंकुश सांगवान, जगदीश बराड़, कविता आर्य और योगिता सुहाग के रूप में हुई है. दुष्कर्म केस दर्ज होने के बाद इस बात की चर्चा हर तरफ हो रही है. वहीं अब बड़ा सवाल ये भी है कि दुष्कर्म का मामला तो दर्ज हो गया है, मगर युवती के शव का अंतिम संस्कार किए जाने से जांच किस तरह से आगे बढ़ेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हरियाणा में 10वीं एक्जाम नहीं होगा, छात्रों का दूसरे क्लास में होगा प्रमोशन, जानिए पूरा प्रोसेस
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