बरेली. उत्तर प्रदेश में हाल-बेहाल है. ये हम नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार खुद बोल रहे हैं. उन्होंने बकायदा एक पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम लिखे इस पत्र में उन्होंने कई अव्यवस्थाओं को टारगेट किया है. लिखा है, अफसर फोन नहीं उठाते हैं. अस्पतालों में यूज होने वाले मेडिकल इक्विपमेंट डेढ़ गुना ज्यादा दाम पर व्यापारी बेच रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों को रेफरल के नाम पर इधर-उधर घुमाया जाता है. उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है.
पत्र में इन 6 बिंदुओं में उठाए मुद्दे
- एमएसएमई के अंतर्गत सभी पर उद्योगों को सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत की छूट उन अस्पतालों को दी जाती है, जो ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहते हैं. इसी तर्ज पर मेरा सुझाव है कि बरेली में भी कुछ प्राइवेट सरकारी अस्पतालों को 50 प्रतिशत की छूट देने के साथ जल्द से जल्द प्लांट मुहैया कराई जाए, ताकि ऑक्सीजन में होने वाली दिक्कतों को खत्म किया जा सके.
- कोरोनावायरस बीमारी से निपटने में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण इक्विपमेंट को व्यापारी संगठन ज्यादा से ज्यादा दाम में बेच रहे हैं. इसलिए प्रदेश सरकार की तरफ से इन सभी महत्वपूर्ण इक्विपमेंट का रेट तय किया जाए.
- यह बहुत जरूरी है कि कोरोना संक्रमित मरीज को कम से कम समय में रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया जाए. पता चला है कि रेफरल होने के बावजूद पीडि़त मरीज को सरकारी अस्पताल में भेजा जाता है, उसे कहा जाता है कि दोबारा जिला अस्पताल में रेफर करवाकर आइए. मरीज लगातार इधर-उधर घूमता रहता है. उसकी ऑक्सीजन लगातार नीचे गिरती है. यह चिंता का विषय है. कई घटना में मरीज मौत भी हो चुकी है.
- बरेली में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर की बहुत कमी पड़ गई है. इसका मुख्य कारण है कि शहर के काफी लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घरों में एहतियात के तौर पर रख लिया है. ऐसे घरों को चिन्हित कर बिना वजह सिलेंडर रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जरूरतमंद को सुविधा पहुंचाई जाए. स्टॉक किए हुए सिलेंडर को मनमाने दाम पर बेचा जा रहा है.
- शहर के स्वास्थ्य अधिकारी मेरा फोन नहीं उठाते हैं. मरीजों को काफी असुविधा हो रही है. बरेली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोविड मरीजों को भर्ती करने की सुविधा दी जाए.
- वैक्सीन संबंधित सभी अस्पताल जो आयुष्मान भारत से जुड़े हुए हैं, वहां वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के साथ वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए. जिससे वैक्सीन लगाने वाले व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सके और कोविड-19 महामारी से बचा जा सके.
डीएम को भी सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुछ दिन पहले बरेली के डीएम को भी एक पत्र लिखकर 7 पॉइंट्स में स्वास्थ्य सुविधाओं और कोविड मैनेजमेंट को बेहतर करने के लिए सुझाव दिया था, लेकिन उस पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया. केंद्रीय मंत्री के पहले भी योगी सरकार के कई विधायक और मंत्री कोविड मैनेजमेंट को लेकर प्रशासनिक अफसरों पर सवाल खड़े करते रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश में रोका गया मध्य प्रदेश का ऑक्सीजन टैंकर, केंद्र के हस्तक्षेप के बाद सुलझा मामला
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