सीडीसी की रिसर्च में खुलासा: हवा के जरिये 6 फीट से भी ज्यादा दूरी तक फैल सकता है कोरोना संक्रमण

सीडीसी की रिसर्च में खुलासा: हवा के जरिये 6 फीट से भी ज्यादा दूरी तक फैल सकता है कोरोना संक्रमण

प्रेषित समय :07:45:52 AM / Sun, May 9th, 2021

नई दिल्ली. यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कोरोना वायरस के प्रसार से जुड़ी अपनी सार्वजनिक गाइडेंस को अपडेट किया है. नए निर्देशों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण हवा में 6 फीट से भी ज्यादा दूरी तक जा सकता है. इसके अनुसार लोग बहुत ही महीन सांस की बूंदों और एरोसोलाइज्ड कणों या सीधे छींटों, स्प्रे या दूषित हाथों से मुंह, नाक या आंख को छूने से संक्रमित हो सकते हैं.

यूएस सेंटर के मुताबिक हवा में साँस लेने में बहुत छोटी महीन बूंदें और एरोसोल कण होते हैं, जिनमें संक्रामक वायरस होते हैं. ट्रांसमिशन का जोखिम संक्रामक स्रोत के तीन से छह फीट के भीतर सबसे ज्यादा है जहां इन बहुत ही महीन बूंद और कण इससे भी ज्यादा दूरी तक बाहर जा सकती हैं.

हालाँकि, यह भी चेतावनी दी गई कि संक्रामक स्रोत कुछ स्थितियों में छह फीट से अधिक दूर होने पर भी हवा के जरिए वायरस फैल सकता है, बड़े पैमाने पर घर के अंदर. इसके अनुसार इन प्रसारण घटनाओं में एक संक्रामक व्यक्ति कुछ समय जैसे कि 15 मिनट से अधिक और कुछ मामलों में घंटों के लिए घर में संक्रमण फैला सकता है, जिससे हवा में वायरस की सांद्रता 6 फीट से अधिक की दूरी पर मौजूद लोगों को संक्रमण फैलाने के लिए पर्याप्त होती है. और कुछ मामलों में संक्रामक व्यक्ति के तुरंत बाद उस जगह से गुजरने वाले लोगों के लिए संक्रमण का खतरा बन सकता है.

लैंसेट पत्रिका में अप्रैल में प्रसारित एक नयी अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात को साबित करने के मजबूत साक्ष्य हैं कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस मुख्यतः: हवा के माध्यम से फैलता है. ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा से ताल्लुक रखने वाले छह विशेषज्ञों के इस आकलन में कहा गया है कि बीमारी के उपचार संबंधी कदम इसलिए विफल हो रहे हैं क्योंकि वायरस मुख्यत: हवा से फैल रहा है.

अमेरिका स्थित कोलराडो बाउल्डेर विश्वविद्यालय के जोस लुई जिमेनजे ने कहा कि वायरस के हवा के माध्यम से फैलने के मजबूत साक्ष्य हैं. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए यह आवश्यक है कि वे वायरस के प्रसार के वैज्ञानिक साक्ष्य को स्वीकार करें. जिससे कि विषाणु के वायुजनित प्रसार को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

रिसर्च में दावा- ब्लड कैंसर के रोगियों पर वैक्सीन के दोनों डोज कम प्रभावी

यूपी : योगी सरकार का बड़ा ऐलान, कोरोना से निधन के बाद कब्रिस्तान में होगा नि:शुल्क अंतिम संस्कार

गुड न्यूज : डॉ. हर्षवर्धन बोले- देश के 180 जिलों में कोरोना का एक भी केस नहीं

कोरोना के विरुद्ध एक्शन में सीएम स्टालिन, तमिलनाडु में लागू किया 14 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन

सीएम केजरीवाल का ऐलान- दिल्ली के 300 स्कूलों में लगेगा कोरोना वायरस का टीका

Leave a Reply