भारतीय ज्योतिष में हजारों योग हैं. लेकिन जो मान्यता और लोकप्रियता गजकेसरी को प्राप्त है वह कदाचित दूसरे किसी योग को नहीं है. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस प्रकार से भी लगा सकते हैं कि ज्योतिष से सर्वथा अनभिज्ञ व्यक्ति भी गजकेसरी योग से तो परिचित होता ही है. जैसे हस्तरेखाओं के विषय में कुछ भी नहीं जानने वाला व्यक्ति भी 'कीरो' का नाम उछल-उछल कर बताता है.
गजकेसरी की प्रारंभिक परिभाषा बहुत सरल है जैसे चन्द्रमा और बृहस्पति जब एक दूसरे से केंद्र में हो तो गजकेसरी योग बनता है. और मान्यता है कि ऐसा व्यक्ति राजा के समान जीवन व्यतीत करता है. जबकि नितांत ही गरीब लोगों की कुंडलियों में गजकेसरी योग विद्यमान होता है.
मोटे तौर पर देखा जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि 33% से अधिक जन्म पत्रिकाओं में उपरोक्त परिभाषा के अनुसार गजकेसरी योग मिल जायेगा. इसलिए इस योग को देख कर कोई धारणा बनाना ज्योतिषी और जातक दोनों के लिए ही घातक है.
इस योग के संबंध में मैं अपने सम्मानित पाठकों को दो बातें क्लीयर करना चाहूँगा.
पहली बात - केवल चन्द्रमा और बृहस्पति के एक दूसरे से केंद्र में होने से ही यह योग नहीं होता है.
दूसरी बात - इस योग में जातक की पारिवारिक पृष्ठभूमि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यदि जातक राजनीतिक परिवार से है तो साधारण गजकेसरी भी कुछ हद तक काम करता है लेकिन जातक की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं है तो पूर्ण गजकेसरी ही काम करेगा.
जब सम्पूर्ण गजकेसरी योग हो तो प्रायः देखा जाता है कि जातक को राजनीति में सफलता मिलती है.
-Astrologer Nirmal choudhary
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