नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के ट्रिपल म्यूटेंट की पहचान हो चुकी है. महाराष्ट्र, दिल्ली और बंगाल में ट्रिपल म्यूटेंट से संक्रमित कुछ मामले सामने आए हैं. ट्रिपल म्यूटेशन का मतलब है कि कोरोना वायरस के तीन अलग-अलग स्ट्रेन यानी स्वरूप मिलकर एक नए वैरिएंट में बदल गए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO का मानना है कि भारत में कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट सिर्फ यहीं के लिए नहीं बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है. वायरस के इस म्यूटेंट पर वैक्सीन कितना असरदार है, इसे लेकर भी अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं.
कोविड-19 के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि भारत में कोरोना का नया वैरिएंट B.1.617 पहले से ज्यादा खतरनाक है. स्टडी में यह देखा गया है कि यह पहले की तुलना में आसानी से फैलता है. कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि यह वैक्सीन द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा से भी बचने में सक्षम रहा है. उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट को हम ग्लोबल हेल्थ रिस्क के रूप में वर्गीकृत कर रहे हैं. हालांकि अभी भी कोरोना वेक्सीन के डोज को इस पर प्रभावी माना जा रहा है. लेकिन इस बारे में एजेंसी अपना सप्ताहिक रिपोर्ट मंगलवार को जारी करेगी, जिसमें स्थिति और साफ होगी.
क्या ट्रिपल म्यूटेंट पर वैक्सीन है असरदार
पिछले दिनों भी विज्ञानिकों ने कहा था कि कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट कितना घातक या संक्रामक है, इसके बारे में अध्ययन से ही जानकारी मिल पाएगी. लेकिन अध्ययन में पाया गया था कि यह वैरिएंट न सिर्फ तेजी से फैल रहा है, बल्कि यह बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. कुछ रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि अभी यह कहना तो मुश्किल है कि कौन सी वैक्सीन इस पर काम करेगी और कौन नहीं. परंतु, वायरस के जिन तीन वैरिएंट से मिलकर यह ट्रिपल म्यूटेंट बना है, उनमें से दो वैरिएंट एंटीबॉडीज को चकमा देने में सक्षम थे. इसलिए विज्ञानियों का मानना है कि ट्रिपल म्यूटेंट में भी शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में कुछ न कुछ क्षमता जरूर होगी.
WHO का कहना है कि एजेंसी B.1.617 सहित दुनिया भर में कम से कम 10 कोरोनावायरस वेरिएंट का अनुसरण कर रहा था. वान केराखोव ने कहा कि वेरिएंट को पहले “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” करार दिया गया था क्योंकि इसके महत्व को पूरी तरह समझने के लिए और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता थी. उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम खुद को बीमार होने से बचाने के लिए सभी उपाय करें.
WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में अचानक से कोरोना विस्फोट के पीछे का कारण इसका नया वैरिएंट B.1.617 है जो कि बहुत ही ज्यादा संक्रामक और जानलेवा है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इससे बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है. उन्होंने कहा कि यह वेरिएंट वैक्सीन प्रतिरोधी नहीं है. स्वामीनाथन ने कहा कि यह वैरिएंट इतना खतरनाक है कि यह शरीर में एंटीबॉडी बनाने से भी रोकता है और बहुत तेजी से म्यूटेट करता है. स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में संक्रमण के बढ़ते मामले और मौत के लिए सिर्फ कोरोना के नए वेरिएंट को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, बल्कि इसके लिए लोगों की लापरवाही भी जिम्मेदार है. लोगों ने शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रखा वहीं मास्क पहनना भी छोड़ दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-किसकी नाकामी का आईना है कोरोना का ऐसा महाप्रसार?
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