पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक अजीब सा खेल खेला जा रहा है, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के सौदागर सरबजीतसिंह मोखा का मामला हो या फिर गैलेक्सी अस्पताल में हुई पांच मौत का. सीएम शिवराजसिंह चौहान के जबलपुर आने की भनक लगते ही एक दिन में जांच रिपोर्ट आ गई और गैलेक्सी अस्पताल पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए गए, लेकिन जैसे ही सीएम गए तो जिला व पुलिस प्रशासन ने अपनी दरियादिली दिखाना शुरु कर दी, आज चार दिन बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई. कुल मिलाकर आम आदमी की मौत के बाद सिर्फ एक खेल खेला जा रहा है.
बताया जाता है कि गैलेक्सी अस्पताल में आक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत हो गई थी, इस मामले को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने कार्यवाही करने की मांग की, जिसपर जिला प्रशासन ने जांच के बाद कार्यवाही करने की बात कही, करीब 17 दिन बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई, यहां तक कि गैलेक्सी अस्पताल प्रबंधन से रेडक्रास सोसायटी मेें 25 लाख रुपए जमा कराकर उसे क्लीनचिट देने की तैयारी भी कर ली गई, लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आने की भनक लगी तो एक दिन पहले ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत हो गई, यहां तक कि एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी सीएमएचओ ने दे दिए, सीएम श्री चौहान के सामने अपना गुडवर्क दिखा दिया गया, सीएम से शाबासी प्राप्त कर ली.
सीएम जैसे ही जबलपुर से निकले तो सारी कार्यवाही दरकिनार कर दी गई, सीएम को जबलपुर से गए चार दिन हो गए लेकिन आज तक गैलेक्सी अस्पताल पर न तो एफआईआर हुई है, कुल मिलाकर सिर्फ मुख्यमंत्री के सामने अपना बेहतर कार्य दिखाने के लिए ये सारा खेल खेला गया, इसके बाद गैलेक्सी अस्पताल प्रबंधन को अभयदान दे दिया गया. इधर पुलिस के सुर भी बदल गए है, थाना के जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि मामले में मर्ग कायम किया गया है, जिला प्रशासन द्वारा प्रतिवेदन दिए जाने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी. वहीं सीएमएचओ जिन्होने मुख्यमंत्री के आगमन के एक दिन पहले रात को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, अब वे कह रहे है अस्पताल प्रबंधन से जबाव मांगा गया है, इसके बाद जांच समिति निर्णय लेगी कि कार्यवाही करना है या नहीं.
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