कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार को 2 साल तक सैलरी देगी बजाज ऑटो

कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार को 2 साल तक सैलरी देगी बजाज ऑटो

प्रेषित समय :11:40:31 AM / Thu, May 13th, 2021

नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर देश में भयंकर तबाही मचा रही है. शहर हो या गांव, कोई भी कोरोना के कहर से नहीं बचा है. कोरोना संकट के बीच देश का उद्योग जगत मदद को आगे आया है. इसी कड़ी में देश की टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर बनाने वाली ऑटो कंपनी बजाज ऑटो ने कहा कि अगर उसके किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत होती है तो कंपनी अगले दो सालों तक उसके परिवार को सैलरी देती रहेगी. इसके अलावा, मृतक कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई का भी खर्च कंपनी उठाएगी.

पुणे स्थित ऑटो कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी की तरफ से दिया गया मेडिकल इंश्योरेंस भी आश्रितों के लिए 5 साल तक बढ़ाया जाएगा. ये बेनिफिट्स Bajaj Auto द्वारा पेश किए गए अन्य लाइफ इंश्योरेंस फायदे से ज्यादा हैं.

बजाज ऑटो ने कहा, एसिस्टेंस पॉलिसी के तहत मृतक कर्मचारी के परिवार को 24 महीने के लिए प्रति माह 2 लाख रुपए तक के मासिक वेतन का भुगतान, 12वीं कक्षा तक प्रति वर्ष प्रति बच्चे 1 लाख रुपए के अधिकतम दो बच्चों के लिए शिक्षा सहायता और ग्रैजुएशन के लिए प्रति बच्चे प्रति वर्ष 5 लाख रुपए की पेशकश की जाएगी. बजाज ऑटो ने बताया कि यह मदद 1 अप्रैल, 2020 से सभी स्थायी कर्मचारियों के लिए लागू है.

बजाज ऑटो ने एक बयान में कहा, एक कर्मचारी-केंद्रित संगठन के रूप में हम अपने सभी कर्मचारियों को विभिन्न उपायों और पहलुओं के माध्यम से निरंतर सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे, जो केवल वैक्सीनेशन सेंटर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि कोविड केयर सर्विस, प्रोएक्टिव टेस्टिंग, हॉस्पिटेलाइजेशन असिस्टेंस दी जाती है.

इस कंपनी ने की थी शुरुआत

बता दें कि इसके पहले, Borosil Limited और Borosil Renewables Ltd ने अपने कर्मचारियों के लिए इस तरह की असिस्टेंस पॉलिसी की शुरू की थी. मुंबई स्थित ग्लासवेयर कंपनी ने कहा था कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले उसके कर्मचारी के परिवार को अगले दो साल तक सैलरी मिलती रहेगी.

इसके अलावा उसके परिवार को वो तमाम सुविधाएं मिलेंगी जो उस कर्मचारी को मिल रही थी. परिवार के गार्जियन की मौत से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं हो इसके लिए कंपनी ने कहा कि वह बच्चों की ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई भी पूरी करवाएगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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