जबलपुर/कोटा. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव अब छोटे-छोटे गांव व कस्बों में भी तेजी से दिखाई देने लगा है. जिसका असर पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा, जबलपुर व भोपाल मंडल के छोटे-दूरदराज के रोड साइड स्टेशनों पर कार्यरत कर्मचारियों पर तेजी से हो रहा है. वहां पर न तो कर्मचारियों को समुचित उपचार मिल रहा है और न ही बड़े स्टेशनों में स्थित चिकित्सालयों में उपचार कराने के लिए छुट्टियां. जिस पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने पमरे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर तत्काल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है.
डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने जीएम को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों मंडलों कोटा, जबलपुर व भोपाल के रोड साइड स्टेशनों पर कर्मचारियों को खांसी, जुकाम, बुखार, कोरोना के लक्षण होने पर समय पर दवाई नहीं मिल पा रही है. स्टाफ की कमी होने के कारण डॉक्टर के पास जाने के लिए छुट्टियां भी नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते कर्मचारी प्रारंभिक उपचार लेने में असफर हो रहे हैं, जब कर्मचारी की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है, तब कर्मचारी रेलवे सिक या प्राइवेट सिक में जाता है, तब तक कर्मचारी की तबियत बहुत अधिक खराब हो चुकी होती है, इसलिए प्रत्येक स्टेशन पर कोरोना से बचाव के लिए समुचित प्रबंध करने की व्यवस्था करेें.
यह मांग की
- कोरोना की प्रारंभिक दवाइयां किट भिजवाने की कृपा करेें, जिससे कर्मचारी को प्रारंभिक समय से ही उचित इलाज मिल सके और इस बीमारी को बढऩे से रोका जा सके.
- रोड साइड स्टेशों के लिए वैक्सीन स्पेशल चला कर के प्रत्येक कर्मचारी को वैक्सीन लगाई जाए.
- प्रत्येक स्टेशन पर आक्सीमीटर एवं थर्मोफ्लेक्स सप्लाई किया जाए.
15 स्टेेशन मास्टर हो चुके हैं शहीद
यूनियन महामंत्री श्री गालव ने कहा कि पमरे के तीनों मंडलों में अभी तक लगभग 15 स्टेशन मास्टर कोरोना की जंग में शहीद हो चुके हैं. प्रत्येक कर्मचारी अंदर से डरा हुआ है. यूनियन ने जीएम से अनुरोध किया है कि कर्मचारियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए, जिससे रेल कर्मचारी सुरक्षित रेल संचालन कर सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-18+ वालों के लिए मई में 2 करोड़ खुराक खरीद सकते हैं राज्य, केंद्र ने तय किया कोटा
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