गुवाहाटी/नई दिल्ली. कोरोना के मामले अब देश में कम होने लगे हैं लेकिन मौत के आकड़े में कोई गिरावट नहीं है. इस समय कोरोना मरिजों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है. लेकिन इसकी कमी के कारण कई मरिजों ने दम तोड़ दिया. ऐसे में कई राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. असम में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. ऐसे में सरकार ने कहा कि वे ऑक्सीजन प्लांट को पूरी बिजली फ्री देगी. ये फैसला कैबिनेट की मीटिंग में हुआ है.
हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में सरकारी अस्पतालों में आठ ऑक्सीजन संयंत्र लगाए गए हैं और राज्य सरकार अपने संयंत्र लगाने के लिए निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की मदद करेगी. कोविड संकट आने के बाद, सरकार ने पांच मेडिकल कॉलेजों में आठ ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए हैं जो प्रतिदिन 5.25 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं.
1.24 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन
हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा गौहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन संयंत्र लगाए गए हैं जो प्रतिदिन 2.13 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं जबकि जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो संयंत्र लगाए गए हैं जो 1.24 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं.
बता दें कि देश इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर की मार झेल रहा है. ऐसे में अस्पतालों के बाहर हो या अंदर ऑक्सीजन की कमी से कई लोग मर रहे हैं. ऐसे में इस ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए और हर राज्य में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक खास प्लान बनाया है.
इन राज्यों में लगेंगे प्लांट
सबसे पहले तो केंद्र सरकार जिला स्तर पर अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाएगी उसके बाद प्राथमिकता के आधार पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में प्राथमिकता के आधार पर ऑक्सीजन प्लांट लगाएगी.
ऑडिट से होगा फैसला
कोरोना का प्रकोप हर राज्य में अलग अलग है. किसी राज्य में अधिक तो किसी में कम ऐसे में अब कुछ राज्यों में ऑक्सीजन का आवंटन कम होगा तो कुछ राज्यों में बढ़ेगा. इसके लिए पहले ऑडिट होगा उसके बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा.
सुको ने दिया ये आदेश
अभी जिस फॉर्मूले के आधार पर ऑक्सीजन का राज्यों में आवंटन हो रहा है.उसके अनुसार राज्यों में 17 फीसद कोरोना पीडि़त को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. उसमें से 8.5 फीसद को प्रतिदिन 10 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है और तीन फीसद मरीज को प्रतिदिन 24 लीटर की. हालांकि अब इस फॉर्मूले को बदलने का वक्त आ गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब एक टीम का गठन किया गया है जो इस मामले को बारीकी से देखेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे अपने देश भर के अस्पतालों में लगाएगा 86 ऑक्सीजन प्लांट
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