लखनऊ. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ में सचिवालय के पास से 4 ठगों को गिरफ्तार किया है. पता चला कि ये सीएम योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बनकर ठगी को अंजाम देते थे. ये जांच का डर दिखाकर सरकारी अफसरों से वसूली करते थे. पता चला कि ये गिरोह अब तक अफसरों से 2 करोड़ रुपये ऐंठ चुका है. गिरफ्तार आरोपियों में अतुल शर्मा भी शामिल है, जो बर्खास्त समीक्षा अधिकारी है. पता चला है कि अतुल शर्मा ठगी के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है. जेल से छूटने पर उसने गिरोह बनाकर फिर ठगी शुरू कर दी.
एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 14 मोबाइल फोन, सचिवालय अफसरों के फर्जी परिचय पत्र बरामद किए हैं. यही नहीं विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों की लिस्ट भी बरामद की है. पता चला है कि जिन अफसरों के खिलाफ शिकायत होती थी, उनका पता लगाकर ये उन्हें निशाना बनाते थे और इसे बाद उगाही का खेल शुरू होता था.
दरअसल कुछ अफसरों ने अपर मुख्य सचिव गृह से शिकायत की थी. इसके बाद से जांच में एसटीएफ को लगाया गया था. पता चला कि अतुल शर्मा 2007 और 2010 में भी जेल जा चुका है. वह पुराना ठग है. पता चला कि इस गिरोह ने सीएम का फर्जी ओएसडी बनकर बरेली के फरीदपुर स्थित डायट के प्राचार्य मुन्ने अली से एक लाख रुपए की मांग की थी. यही नहीं एक जेल को इन्होंने फोन किया और जांच के नाम पर डराया.
जांच में पता चला कि इनके फोन से जो अफसर झांसे में आ जाता था, उसे ये सचिवालय के पास बुलाते थे. यहां प्रदीप और राधेश्याम के माध्यम से वसूली होती थी. यही नहीं ये लोग फर्जी जांच का आदेश भी अपने पास रखते थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी में चुनावी रंजिश को लेकर पूर्व व वर्तमान प्रधान के समर्थकों में मारपीट, दो की मौत, कई घायल
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