प्रदीप द्विवेदी. कोई कितना ही बड़ा पतंगबाज हो हवा के खिलाफ पतंग उड़ाएगा, तो बेइज्जती करवाएगा. कुछ ऐसा ही हाल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मोदी टीम और एकतरफा मीडिया का हुआ.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों ने मोदी टीम को ही नहीं, एकतरफा मीडिया को भी औकात दिखा दी.
कोई भी मीडिया तब तक ही अपनी साख को बचा कर रख सकता है, जब तक वह जन की बात सुनता है, लेकिन जब वह मन की बात मानता चला जाता है, तो ऐसी ही बेइज्जती करवाता है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी 2021 को पल-पल इंडिया की रिपोर्ट- क्या सर्वे मीडिया अपनी साख की कीमत पर पीएम मोदी की इमेज बचा पाएगा? में लिखा था.... देश के मीडिया में एक बार फिर सर्वे का दौर शुरू हो गया है और जैसा कि सर्वे के नतीजों में साफ है, इनका उद्देश्य पीएम मोदी की इमेज को संवारना है, संभालना है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसा हो पाएगा?
दरअसल, शुरुआत में ऐसे सर्वे का सियासी फायदा होता है, लेकिन बार-बार ऐसा होने पर फायदे के बजाए नुकसान होने लगता है.
इस वक्त पीएम मोदी की जो ओवर ब्रांडिंग हो रही है, उसी से भविष्य में उनकी इमेज को धक्का लगेगा.
जनता के नजरिए से तो सर्वे के परिणाम बदल सकते हैं, परन्तु सर्वे से जनता का नजरिया नहीं बदला जा सकता है, इसलिए जहां तक संभव हो सर्वे में सच्चाई झलकनी चाहिए, क्योंकि सर्वे के बनावटी नतीजों से किसी नेता की इमेज लंबे समय तक नहीं बचाई जा सकती है, अलबत्ता मीडिया की साख पर जरूर धब्बा लग सकता है!
और यही हुआ.... सारे सर्वे, सारी ग्राउंड रिपोर्ट, सारे एग्जिट पोल साफ दिखा रहे थे कि एकतरफा मीडिया, पीएम मोदी की साख बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है, परन्तु जनता के लिए मीडिया की सारी रिपोर्टें, मनोरंजन का मसाला ही साबित हुई.
पल-पल इंडिया की 2 मई 2021 की रिपोर्ट- नरेंद्र मोदी का इतराना पश्चिम बंगाल में भारी पड़ गया? में लिखा था.... दीदी-ओ-दीदी, 2 मई- दीदी गई! जैसे पीएम नरेंद्र मोदी के इतराने वाले संबोधन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी पड़ गए?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे में टीएमसी ने बीजेपी को आईना दिखा दिया. अकेली ममता बनर्जी ने पीएम मोदी सहित एक दर्जन से ज्यादा केन्द्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, बड़े नेताओं को उनका सियासी कद दिखा दिया.
बंगाल की सत्ता के लिए मोदी टीम ने न केवल कई सियासी मर्यादाएं लांघी, बल्कि प्रदेश सहित पूरे देश को कोरोना के कहर के बीच धकेल दिया है, यह बात अलग है कि इन तमाम कोशिशों के बावजूद बंगाल की जनता ने मोदी टीम को नकार दिया है और टीएमसी को बहुमत दिया.
सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इतना सब होने के बाद भी, अभी भी एकतरफा मीडिया कोरोना संकट को लेकर मन की बात के मार्गदर्शन में ही चल रहा है, शायद एकतरफा मीडिया को अभी कुछ और बेइज्जती करवानी बाकी है!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट से 26 मई को टकरा सकता है यास चक्रवात, एनडीआरएफ को किया गया अलर्ट
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