नई दिल्ली. नारदा मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी चार नेताओं, पश्चिम बंगाल सरकार के तत्कालीन मंत्रियों को अदालत ने जमानत दे दी है. नारद रिश्वत मामले में आज सुबह बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल विधायक मदन मित्रा और तृणमूल के पूर्व नेता सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था.
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर निज़ाम पैलेस में सीबीआई कार्यालय में छह घंटे से ज्यादा बिताने के दौरान कहा, जिस तरह से उन्हें बिना उचित प्रक्रिया के गिरफ्तार किया गया है, सीबीआई को मुझे भी गिरफ्तार करना होगा.
नारदा स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के तत्कालीन मंत्रियों की गिरफ्तारी को लेकर कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में आज वर्चुअल सुनवाई हुई थी. इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने चारों नेताओं को जमानत दे दी.
इस घोटाले के शक में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की. छापेमारी के बाद इन चारों को सीबीआई ऑफिस लाया गया.
सीबीआई की टीम सोमवार सुबह ही परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम के घर पहुंच गई थी. थोड़ी देर तलाशी ली और बाद में फिरहाद हकीम को सीबीआई अपने साथ ले जाने लगी. इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया गया. सीबीआई की टीम सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को भी लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची. इसके अलावा पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर भी सीबीआई ने छापा मारा. सोवन चटर्जी ने चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए और बाद में पार्टी को अलविदा कह दिया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
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