पलपल संवाददाता, जबलपुर. कोरोना महामारी की रोकथाम में शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के साथ साथ प्रदेश के जागरुक नागरिक भी कोरोना वालेंटियर के रुप में कंधे से कंधा मिलाकर अपनी सेवाएं दे रहे है. इस दौरान कई कोरोना योद्धाओं की संक्रमित होने के कारण मृत्यु भी हो गई. जिन्हे शहीद का सम्मान मिले, उनका अंतिम संस्कार भी राजकीय सम्मान के साथ किया जाए. इस आशय की मांग मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में की है.
संघ के योगेन्द्र दुबे ने कहा कोरोना संक्रमण से निधन होने पर अनेक प्रकार की योजनाओं को लागू किया गया है, जिसके कारण कोरोना योद्धाओं व उनके परिजनों को संबल भी मिला है, जिस महामारी में अपने भी साथ छोड़ जाते हैं वहां ये कोरोना योद्धा आगे बढ़कर कोरोना पर विजय पाने के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए निष्ठा व ईमानदारी से अपनी सेवायें कोरोना को समाप्त करने के लिए दे रहें है . कोरोना महामारी एक युद्ध के समान सामने आई हैं जिसमें कोरोना योद्धाओं को एक अदृश्य शत्रु से सैनिका के समान ही लडऩा पड़ रहा है और आम नागरिकों की रक्षा करनी पड़ रही है जिसमे वे भी कोरोना महामारी के संकमण का शिकार हो कर शहीद हो रहे है . केवल पुलिस विभाग में ही कोरोना योद्धाओं की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर राजकीय सम्मान के साथ ही गॉडऑफ ऑनर की सलामी देते हुए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम विदाई दी जाती है . इसी तरह समस्त कोरोना योद्धाओं को भी कोरोना से मृत्यु उपरांत शहीद का सम्मान देते हुए अंतिम विदाई राजकीय सम्मान के साथ की जाये. संघ के योगेन्द्र दुबे, अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, दीपक राठौर, अनुरागचन्द्रा, मुन्नालाल पटेल, तरूण पांचौली, मनीष लोहिया, श्यामनाराण तिवारी, नितिन शर्मा, प्रियांशु शुक्ला, विष्णु पाण्डेय, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, मोहम्मद तारिक, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, सोनल दुबे, अभिषेक मिश्रा, देवदत्त शुक्ला, ब्रजेश गोस्वामी, जामिन खान आदि ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को ईमेल के माध्यम से ात्र भेजकर कोरोना योद्धाओं की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर अंतिम विदाई शहीदों के समान राजकीय सम्मान के साथ किये जाने के आदेश जारी करने की मांग की है .
अधिकारियों की मिलीभगत से योजनाओं को लग रहा पलीता-
इसी तरह मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिनस्थ जिले में संचालित हेल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर में अधिकारियों की मिलीभगत से शासन की जनउपयोगी योजना को पलीता लगाया जा रहा है. जिले के प्रत्येक सेन्टर को इस वित्तीय वर्ष में 7लाख रूपये भवनों के सुधार कार्यो व संसाधानों के उपयोग हेतु जारी किये गये हैं, इन सेन्टरों जहां एक ओर शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर शासन द्वारा प्रदत्त आवंटन का बन्दर-बांट किया जा रहा है, देखने में यह भी आया है कि इन सेन्टरों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है, शौचालय एवं साफ-सफाई नहीं है जिससे आने वाले मरीजों को कोरोना के संक्रमण के दौरान अत्यधिक कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैए जिले के हैल्थ एण्ड वेयरनैस सेन्टरो मे चल रहे निर्माण कार्यो मे गुणवत्ता का पूर्णत: अभाव हैए अमानक संसाधनों का उपयोग कर अधिकारी एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से शासन को लाखों का चूना लगाया जा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना का खतरा देख सहारनपुर के इस बिल्डर ने मां के लिए चांद पर खरीदी जमीन, 5 लाख रुपए में प्लॉट
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