यह तमाम महान चिकित्सा वैज्ञानिकों का अपमान है!

यह तमाम महान चिकित्सा वैज्ञानिकों का अपमान है!

प्रेषित समय :21:43:08 PM / Mon, May 24th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. इस धरती पर विभिन्न क्षेत्रों में अनेक चिकित्सा पद्धतियों का विकास हुआ और इनसे करोड़ों-अरबों लोगों को राहत मिली, लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिस तरह विभिन्न धर्मोें को लेकर आपस में जहर फैलाया गया है, वैसे ही अब चिकित्सा पद्धतियों पर भी विवाद शुरू हो गए हैं.

यकीनन, आयुर्वेद भारत की महान चिकित्सा पद्धति है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं हैं, ठीक ऐसे ही एलोपैथी, होम्योपैथी आदि तमाम चिकित्सा पद्धतियों की विशेेषताएं और कमियां, दोेनों हैं.

वे लोग महान थे जिन्होंने इन चिकित्सा पद्धतियों का विकास किया और निरंतर इन्हें बेहतर बनाया, लेकिन अफसोस की बात है कि इसे तमाम पद्धतियों को साथ लेते हुए आगे विकास करने के बजाए अपनी-अपनी चिकित्सा पद्धतियों को सर्वश्रेष्ठ साबित करने और अन्य को कम आंकने की कोशिशें की जा रही हैं.

क्या एलोपैथी को सर्वश्रेष्ठ बताने वाले यह बता सकते हैं कि हम भारतीयों को हजारों सालों तक किस चिकित्सा पद्धति ने बचाया था, तो आज इमरजेंसी में एलोपैथी का क्या विकल्प है? कई बीमारियों में होम्योपैथिक दवाएं चमत्कारी साबित होेती हैं.

इसलिए, अब समय आ गया है कि तमाम चिकित्सा पद्धतियों को संयुक्तरूप से अनुसंधान करते हुए मानव जीवन को संवारने के लिए आगे आना चाहिए.

खबरें हैं कि एलोपैथी को ‘बकवास विज्ञान’ बताकर विवादों में आए योग गुरू बाबा रामदेव ने स्वास्थ्य मंत्री की आपत्ति और डाॅक्टरों के भारी विरोध के बाद अपना बयान वापस ले लिया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को एक पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने कहा कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं.

उन्होंने ट्वीट किया- माननीय श्री हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं.

आयुर्वेद में ऐसी अनेक दवाएं हैं जो चमत्कारी असर दिखाती हैं, तो एलोपैथी की मदद से तत्काल राहत पाई जा सकती है, लिहाजा विभिन्न चिकित्सा वैज्ञानिकों को ऐसे विवादों को नजरअंदाज करके विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को और बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए!
https://twitter.com/i/status/1396627401300340737

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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