नई दिल्ली. कोरोना को मात देने के लिए इस वक्त दुनियाभर में अलग-अलग वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इंसानों के शरीर पर हर वैक्सीन के काम करने का तरीका अलग-अलग है. इस वक्त दुनिया भर में एक ही कंपनी की वैक्सीन की दो डोज लगाई जा रही है.
लेकिन अब वैज्ञानिक इस खोज में लगे हैं कि क्या दो अलग-अलग वैक्सीन का मिश्रण कोरोना को मात देने में ज्यादा असरदार साबित हो सकता है. भारत में जल्द ही इसको लेकर टेस्ट किए जाएंगे. इस प्रयोग में वो सारे वैक्सीन शामिल होंगे जिसका इस्तेमाल इस वक्त भारत में किया जा रहा है. इसके अलावा उन वैक्सीन के मिश्रण पर भी टेस्टिंग होगी जो जल्द ही बाजार में आने वाली है.
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा के अनुसार कुछ हफ्तों में इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है. अरोड़ा के मुताबिक इस प्रक्रिया में 8 वैक्सीन शामिल किए जा सकते हैं. इसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक वी को शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा इसमें वो वैक्सीन भी शामिल की जाएगी, जिसे भारत सरकार आने वाले दिनों इस्तेमाल के लिए हरी झंडी देगी.
कहा जा रहा है कि मिश्रण को लेकर क्लीनिकल टेस्ट आईसीएमआर या फिर उन कंपनियों के साथ किया जाएगा जो वैक्सीन बना रही है. इस टेस्टिंग का मकसद है ये पता करना कि क्या दो अलग-अलग वैक्सीन लोगों को लगाई जा सकती है और क्या ये ज्यादा प्रभावी साबित होगी.
डॉ अरोड़ा ने कहा कि हम ऐसे टीकों के मिश्रण की तलाश कर रहे हैं जो बेहतर सुरक्षा प्रदान करें. फिलहाल इस्तेमाल किए गए टीके गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं, लेकिन वे उस हद तक वायरस के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान नहीं कर रहे हैं, जो हम चाहते थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-शोध में सनसनीखेज खुलासा: वुहान की लैब में ही तैयार किया गया था कोरोना वायरस
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