भोपाल/ जबलपुर/ ग्वालियर. मध्य प्रदेश में सभी 3000 जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है, ये हमारी मजबूरी है. हम अपने माननीय से अनुरोध करते हैं कि हमारी मांगे मानी जाएं." छह सूत्रीय मांगों को लेकर चार दिन से चल रही है जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल. इधर, भोपाल जूनियर डॉक्टर ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है. जूडा ने मेडिकल से जुड़े दूसरे संघ का समर्थन होने का भी दावा किया. दूसरे राज्यों के स्वास्थ्य से जुड़े डॉक्टर का समर्थन है. वहीं जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडीकल कॉलेज अस्पताल के क़रीब 400 जूनियर डॉक्टरो ने दिया सामूहिक इस्तीफे दिये. बता दें कि जबलपुर हाईकोर्ट ने आज ही जूनियर डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने का आदेश दिया था. साथ ही प्रदेश सरकार कहा था कि अगर डॉक्टर्स ने हड़ताल नहीं खत्म की तो उन पर कड़ी कार्रवाई करें.
जबलपुर हाईकाेर्ट ने काम पर लौटने के आदेश दिये
मध्य प्रदेश में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की निंदा करते हुए असंवैधानिक बताया और तत्काल हड़ताल को वापस लेने के आदेश दिए हैं. जूनियर डॉक्टरों हड़ताल पर हाईकोर्ट में पहले से लंबित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान जब डॉक्टरों की सबसे ज्यादा जरूरत है ऐसे नाजुक हालातों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को उचित नहीं ठहराया जा सकता. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे के भीतर अगर जूनियर डॉक्टर अपने काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि जूनियर डॉक्टर की अधिकतम मांगों को सरकार ने मंजूर कर लिया है, उसके बावजूद भी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं.
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