नई दिल्ली. कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में क्लासेज प्रभावित हुई हैं और अधिकतर शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन चल रही हैं. इन सबके बीच लगातार पांचवें साल दुनिया की शीर्ष 200 यूनिवर्सिटीज में भारत की स्थिति में बदलाव नहीं दिखा है. भारत से IIT-Bombay, IIT-Delhi और बेंगलुरु के Indian Institute of Science (IISc) के अलावा किसी भी भारतीय संस्थान टॉप-200 में शामिल नहीं किया गया है. Quacquarelli Symonds (QS) World University Rankings (WUR) के मुताबिक यह स्थिति 2017 से लगातार बनी हुई है.
क्यूएस रैंकिंग में टॉप-200 के बाद अगर टॉप-1000 की बात करें तो भी भारत की स्थिति में खास बदलाव नहीं दिखा है. इस बार की रैंकिंग में टॉप-1000 में भारत से 21 संस्थानों को शामिल किया गया है जोकि 2020 में 23, 2019 में 24 और 2018 में 20 थे. क्यूएस द्वारा जारी बयान के मुताबिक भारतीय यूनिवर्सिटीज ने अकादमिक प्रतिष्ठा और शोध प्रभाव को लेकर अपने में सुधार किया है लेकिन टीचिंग कैपिसिटी के मामले में अभी भी स्थिति बेहतर नहीं हो पाई है. देश का कोई भी संस्थान फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो में टॉप 250 में नहीं शामिल है.
वैश्विक स्तर पर लगातार 10वें वर्ष एमआईटी सबसे बेहतर यूनिवर्सिटी बनी हुई है और 2006 के बाद से पहली बार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी दूसरे स्थान पर काबिज हुई है. तीसरे पर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी संयुक्त रूप से हैं. टॉप 20 में एशिया से सिर्फ सिंगापुर का नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर व नान्यांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और चीन का शिंघुआ यूनिवर्सिटी व पेकिंग यूनिवर्सिटी को शामिल किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भारतीय रेल जल्द बनेगी विश्व की पहली ग्रीन रेलवे, जानिए क्या क्या बदलेगा
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