नई दिल्ली. हरिद्वार कुंभ मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में गड़बड़ी की खबरों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर इस मामले में आपराधिक कार्रवाई करने की जरूरत होगी तो वह भी की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि करीब एक हफ्ते पहले राज्य सरकार ने खुद माइक्रो लेवल पर इसकी जांच की है. अग्रवाल ने कहा कि अगर इसमें कहीं भी कोई गलती होती है तो जो लोग इसके लिए जिम्मेदार होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में एक हफ्ते में रिपोर्ट आ जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में राज्य सरकार से बातचीत कर रही है और दोषी पाए जाने वालों पर आपराधिक कार्रवाई करने की जरूरत करने की जरूरत पड़ेगी तो वह भी की जाएगी.
बता दें हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात सामने आई है. आईसीएमआर के निर्देश पर हरिद्वार के जिलाधिकारी ने कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी की जांच के लिए अधिकारियों की समिति बना दी है. मामला हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्ट कर रहीं प्राइवेट लैब से जुड़ा है स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक निजी लैब ने टेस्ट की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड जमा करके टेस्ट किए और इन सभी टेस्ट में लोगों को कोरोना निगेटिव बताया गया वही अब इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी जांच के बाद अनिमितता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
प्रशासन को लाखों का चूना लगाने का प्रयासप्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रदालुओं की जांच कर कुम्भ मेले प्रशासन को लाखों रुपयों का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस लैब द्वारा एक ही फोन नंबर कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है. वहीं कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है. वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगो की जांच का मामला भी सामने आया है जो कि असंभव सा लगता है. दरअसल पंजाब के एक युवक को हरिद्वार से प्राइवेट लैब ने कोरोना की जांच रिपोर्ट भेज दी जबकि युवक हरिद्वार कुम्भ मेले में गया भी नहीं था. उक्त युवक द्वारा इस मामले की शिकायत आईसीएमआर से की गई जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे.
जांच पूरी होने पर की जाएगी कार्रवाई
इस प्रकरण पर हरिद्वार कुम्भ 2021के दौरान कुम्भ मेलाधिकारी स्वास्थ्य का कार्यभार संभालने वाले डॉ सेंगर का कहना है कि कुम्भ मेले के दौरान प्राइवेट लैब पैनलबद्ध थी. सीएमओ और कुम्भ मेले स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसमे जांच में सामने आया है कि किसी लैब द्वारा गलत डाटा उपलब्ध कराया गया है. इस मामले में विभाग द्वारा जांच की जा रही है. इसमें मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जांच की जा रही है जांच के बाद ही प्रकरण में करवाई की जाएगी. कुम्भ मेले के दौरान सीएमओ हरिद्वार और कुम्भ मेला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कराई गई है. इसमें हमारे यहां से करीब 2 लाख 51 हज़ार कोरोना संक्रमण की जांच की गई है. कुम्भ मेले के दौरान करीब 24 लैब से जांच कराई गई थी इसमे 10 प्राइवेट लैब कुम्भ मेले स्वास्थ्य विभाग द्वारा पैनलबद्ध की गई थीं और मेरी जानकारी के अनुसार 14 लैब सीएमओ हरिद्वार की तरफ से पैनलबद्ध की गई थीं अभी प्राइवेट लैब को जांच की पेमेंट नही की गई है जांच पूरी होने के बाद मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
कुम्भ मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओ की कोरोना संक्रमण की जांच में होने वाले घोटाले के प्रकरण पर हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि कुम्भ मेले के दौरान विभिन्न प्राइवेट लैब द्वारा हरिद्वार में श्रद्धालुओं की कोरोना जांच की गई थी. इनमें से एक प्राइवेट लैब पर अनिमिततायें बरतने के आरोप लगे हैं. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है. मुख्य विकास अधिकारी वरिष्ठ कोषाध्यक्ष और जिला विकास अधिकारी तीनो की जांच समिति बनाई गई है. इस प्रकरण में जांच समिति द्वारा अभी जांच शुरू की गई है. जांच में जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे उनके अनुसार अनिमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी पहुंचा मानसून, दिल्ली में बारिश के लिये करना होगा और इंतजार
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