नई दिल्ली. मिजोरम में पिछले तीन-चार महीने से म्यांमार से लोगों का आना जारी है। म्यामांर में हुए तख्तापलट के बाद वहां जिस तरह की परिस्थितियां बनी हैं ऐसे में लोगों का पड़ोसी राज्य में शरण लेने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि कुछ दिन पहले ही म्यामांर के चिन प्रांत के मुख्यमंत्री सलाई लियान लुआई को मिजोरम में शरण लेनी पड़ी। यदि किसी प्रांत के मुख्यमंत्री को अपना देश छोड़कर भागना पड़े तो इससे वहां की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। अपना देश छोड़ने वालों में म्यांमार की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के 24 निर्वाचित प्रतिनिधि भी शामिल है। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) आंग सान सू ची की पार्टी है।
म्यांमार से शरणार्थियों के मिजोरम में शरण लेने की वजह वहां सैन्य तख्ता पलट होना है। वहां की सेना ने बीते एक फरवरी को तख्तापलट कर नोबेल विजेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को बेदखल कर दिया था। सू ची को और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया। राष्ट्रपति यू विन मिंट को हिरासत में लिए जाने के बाद म्यांमार में एक साल के लिए इमरजेंसी लागू कर दिया गया है। देश की बागडोर अब जनरल मिन आंग हलिंग को देश की कमान सौंप दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में लगभग 800 लोगों की मौत हो चुकी है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी पहुंचा मानसून, दिल्ली में बारिश के लिये करना होगा और इंतजार
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा, एक देश-एक राशन कार्ड मामले में दिल्ली सरकार ने किया गुमराह
दिल्ली के रोहिंग्या शिविर में लगी भीषण आग, जलकर खाक हुई 53 झोपडिय़ां
स्कूल एजुकेशन रैंकिंग में पंजाब बना नंबर वन, दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने दिया बड़ा बयान
Leave a Reply