नई दिल्ली. भारत में जल्द ही प्राइवेट ट्रेनें पटरी पर दौड़ती नजर आएंगी. भारतीय रेलवे ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है. हालांकि सभी प्राइवेट ट्रेनों में सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ और जीआरपी की होगी. आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने शुक्रवार दोपहर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि प्राइवेट ट्रेनों में भी सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ और जीआरपी संभालेगी. तेजस एक्सप्रेस की तरह प्राइवेट ट्रेनों में निजी सुरक्षाकर्मियों की एक तीसरी लेयर भी होगी, जो यात्रियों को नजदीकी सुरक्षा मुहैया कराएगी लेकिन अपराध होने पर जीआरपी और आरपीएफ की भूमिका होगी.
उन्होंने आगे कहा कि आरपीएफ ने देश के सभी रेलवे परिसरों में सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए व्यापक योजनाएं बनाई हैं. इस समय तक 6094 स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाये जा चुके हैं.
सभी पूरी तरह से डिजिटल निगरानी के दायरे में आ गए हैं. सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए मंडल स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाए जाएंगे. देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी योजना बना कर सुरक्षा सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार की गई है. वहीं, आरपीएफ ने टिकटिंग में साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए साइबर सेल स्थापित की हैं.
आरपीएफ कर्मियों के कोविड प्रभावित होने के सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में 3298 जवान कोविड 19 से संक्रमित हुए जिनमें से 22 लोगों की मृत्यु हुई. इस समय करीब 150 जवान अस्पताल में भर्ती हैं. टीका लगवाने वाले जवानों में केवल 0.045 फीसदी लोग ही बीमार पड़े.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-शोपियां में पुलिस-सीआरपीएफ के संयुक्त दल पर आतंकियों का हमला, सुरक्षाबलों घेरा पूरा इलाका
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