सचिन तेंदुलकर का बड़ा बयान, कहा WTC फाइनल में गलत बॉलिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरा था भारत

सचिन तेंदुलकर का बड़ा बयान, कहा WTC फाइनल में गलत बॉलिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरा था भारत

प्रेषित समय :16:03:39 PM / Sun, Jun 27th, 2021

मुंबई. भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 से 23 जून के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला गया. न्यूजीलैंड ने इस मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज की. बारिश से बाधित इस टेस्ट का नतीजा छठे दिन निकला. दरअसल, आईसीसी ने इस ऐतिहासिक मुकाबले में एक रिजर्व डे रखा था. भारत ने इस मैच में तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर्स के साथ उतरा था. वहीं इंग्लैंड ने चार तेज़ गेंदबाज और एक तेज बॉलिंग ऑलराउंडर को अपनी टीम में शामिल किया था. भारत की हार के बाद से कई पूर्व क्रिकेटरों ने कहा था कि भारत मौसम और पिच को देखते हुए गलत बॉलिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरा था. अब इस लिस्ट में 'क्रिकेट के भगवान' के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का नाम भी जुड़ गया है.

सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारतीय टीम प्रबंधन ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ गेंदबाजी संयोजन में गलती की. और साथ ही रविंद्र जडेजा से कम गेंदबाजी कराना भी उस पर भारी पड़ा. तेंदुलकर ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि पहले कुछ दिनों में धूप की कमी के कारण स्पिनर कभी खेल में नहीं आए. खासकर बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा जिन्होंने पहली पारी में केवल 7.2 ओवर फेंके. वहीं, जडेजा ने छठे दिन दूसरी पारी में भी केवल आठ ओवर ही गेंदबाजी की.

सचिन ने कहा, देखिए जब आप पांच गेंदबाजों को लेकर खेलते हैं, तो यह असंभव है कि सभी पांच गेंदबाजों को बराबर ओवर मिले. यह उस तरह से काम नहीं करता है. आपको पिच की स्थिति, ओवरहेड की स्थिति, हवा से मिलने वाली मदद को ध्यान में रखना होगा. उसी के अनुसार आप फैसला करते हैं. तेंदुलकर ने आगे कहा कि उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को पहली पारी में जडेजा की तुलना में अधिक ओवर गेंदबाजी कराने के पीछे के तर्क को समझा, क्योंकि न्यूजीलैंड के बाएं हाथ की बल्लेबाजों द्वारा बनाए गए फुटमार्क थे. गेंदबाजों और विपक्ष के पास बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. उन्होंने दूसरी पारी में जडेजा को बदकिस्मत बताया.

तेंदुलकर ने कहा कि साउथेम्प्टन की पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल है न कि स्पिनरों के लिए. उन्होंने कहा, अगर लोगों को समान अवसर नहीं मिला, तो इसका कारण यह था कि तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी. स्पिनरों के लिए पिचें हैं, तेज गेंदबाजों के लिए पिचें हैं. इसलिए आपको परिस्थितियों को समझना होगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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