रायपुर. खरीफ की बोनी के बीच छत्तीसगढ़ में यूरिया-डीएपी की किल्लत राज्य और केंद्र सरकार के बीच नए विवाद की वजह बनने जा रही है. छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने रविवार को केंद्र सरकार पर जानबूझकर प्रदेश को खाद नहीं देने के आरोप लगाए. चौबे ने कहा, यह नेशनल क्राइम है.
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मानसून का सीजन खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. खरीफ की बोनी शुरू हो चुकी है. हमारे यहां खरीफ का रकबा बढ़ता जा रहा है. हमने केंद्र सरकार से यूरिया, पोटाश, फास्फेट इस प्रकार से 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की मांग की थी. केंद्र ने इसका अनुमोदन भी किया. इसके बाद भी छत्तीसगढ़ को आवंटित खाद नहीं मिल रही है.
रविंद्र चौबे ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों को पर्याप्त मात्रा में खाद दिया जा रहा है. मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को पर्याप्त मात्रा में खाद भेजा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार कम खाद दे रही है. खाद आपूर्ति में छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव के आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हित में निर्णय नहीं ले रही है, यह नेशनल क्राइम है.
छत्तीसगढ़ के किसानों की संपन्नता नहीं देख पा रही भाजपा
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ के किसानों की संपन्नता नहीं देखी जा रही है. आखिर भाजपा छत्तीसगढ़ के किसानों को अपना दुश्मन क्यों मान रही है? रविंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा की डी पुरंदेश्वरी, शिवप्रसाद, दुष्यंत कुमार सभी यहां आए लेकिन किसी ने किसानों की बात नहीं की. इन्हें केवल कुर्सी का मोह है. महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी के लिए कहा था, आप शुतुरमुर्ग बनकर नहीं रह सकते. किसानों के मामले में यही टिप्पणी उनके लिए फिट बैठती है.
भाजपा सांसदों पर पत्र लिखा है, लेकिन जवाब नहीं मिला
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, मैंने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सभी सांसदों को पत्र लिखा है. उनको प्रदेश में खाद की कम आपूर्ति के बारे में बताया है. उनसे कहा है खाद की कमी को दूर करने के लिए सांसद केंद्र सरकार से बात करे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर खाद की किल्लत दूर करने का आग्रह किया है. लेकिन, अभी तक केंद्र सरकार और भाजपा सांसदों ने क्या किया है उसका कोई जवाब उन्हें नहीं मिला है. रविंद्र चौबे ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ भाजपा की मानसिकता शुरू से यहां के किसानों के साथ नहीं रही है. इसलिए वे किसानों की जरूरतों की अनदेखी करते हैं.
ऐसा है यूरिया की किल्लत का गणित
अप्रैल से जून तक यूरिया का कुल आवंटन 2 लाख 72 हजार 503 मीट्रिक टन है. सरकार ने इस बीच 3 लाख 11 हजार 203 मीट्रिक टन का ऑर्डर दिया. लेकिन कंपनियों ने केवल 94 हजार 24 मीट्रिक टन यूरिया की ही आपूर्ति की. यह कुल आवंटित मात्रा का 34.50 प्रतिशत है. केवल जून महीने के लिए यूरिया की आवंटित मात्रा 1 लाख 31 हजार 450 मीट्रिक टन है. कंपनियों ने अभी तक 37 हजार 420 मीट्रिक टन ही आपूर्ति की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रायपुर-दुर्ग समेत ज्यादातर जिले अनलॉक, मॉल समेत खुलेंगी सभी दुकानें
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