नई दिल्ली. देश में कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। केंद्र सरकार कई बार किसान संगठनों से चर्चा करने के लिए हामी भर चुकी है. इसी बीच गुरूवार को ग्वालियर पहुंचने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसान संगठनों से कहा है कि सरकार कानूनों को निरस्त करने के अलावा कृषि कानूनों के किसी भी प्रवाधान पर चर्चा करने के लिए तैयार है.
अपने संसदीय क्षेत्र ग्वालियर में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह कृषि कानून किसानों के हित के लिए बनाए हैं। इसलिए इन कानूनों के वापस नहीं किया जाएगा. किसान संगठन कोई बातचीत करना चाहते हैं, तो सरकार किसी भी वक्त बात करने के लिए तैयार है। लेकिन कानून वापस करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि तीस साल की कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत का फल है यह कृषि कानून. देश के अधिकांश किसान संगठन इन कृषि कानूनों के समर्थन में हैं। हमारी सरकार ने विरोध कर रहे किसान संगठन के लोगों से भी बातचीत करने के लिए पूरी कोशिश की है. किसान संगठनों और सरकार के बीच अबतक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन उनके समझ में यह कानून नहीं आ रहा है तो सरकार की इसमें कोई गलती नहीं है.
बता दें कि किसान संगठन, तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार का कहना है कि वह जरूरत के अनुसार इसमें सुधार कने के लिए तैयार है. केंद्र सरकार ने इसके पहले भी कई बार संकेत दिए हैं कि किसान संगठनों को सिर्फ इन कानूनों को रद करने से इतर कानूनी बिंदुओं पर बात करनी चाहिए, तभी बात आगे बढ़ सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली की तोमर कॉलोनी, यहां लोग घरों में नहीं बल्कि बेसमेंट में रहते हैं
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