नई दिल्ली. साइबर अटैक टेक्नोलॉजी का वो हिस्सा है जो बड़ी-बड़ी कंपनियों के माथे पर चिंता की लकीर खींच देता है क्योंकि इससे ना सिर्फ उनका पर्सनल डाटा चोरी हो जाता है बल्कि ऑपरेशन्स भी रुक जाते हैं. अमेरिकी आईटी कंपनी कासिया पर हाल ही में एक बड़ा रैनसमवेयर अटैक हुआ है. इस साइबर हमले में कासिया के कॉर्पोरेट नेटवर्क और इसके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाली कम से कम 1000 कंपनियों को निशाना बनाया गया. इस साइबर अटैक को अंजाम देने का शक रशियन साइबर क्राइम ग्रुप रेविल पर है. इस साफ्टवेयर कंपनी ने 40,000 से अधिक बिजनेस हाउसेस को अपनी सेवाएं दी हैं, इनमें से कम से 1000 कंपनियां इस साइबर अटैक का शिकार बनी हैं. यह जानकारी शनिवार को रिसर्चर्स ने दी. इस रैनसमवेयर अटैक के कारण स्वीडन के सबसे बड़े सुपरमार्केट चेन कूप को अपने 800 से अधिक स्टोर बंद करने पड़े, क्योंकि वे अपने अकाउंट और चेकआउट्स को एक्सेस नहीं कर पा रहे थे.
कूप ने अपने स्टोर्स के बाहर साइनबोर्ड लगाकर ग्राहकों को बताया कि हम एक बड़ी आईटी गड़बड़ी की चपेट में आ गए हैं. फिलहाल हमारे सिस्टम ठप हैं. साइबर सिक्योरिटी कंपनी Huntress Labs के रिसर्चर इस मामले की जांच कर रहे हैं. इस फर्म ने कहा कि इस साइबर हमले से स्वीडिश रेलवे और एक बड़ी फार्मेसी चेन भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. जबकि साइबर सिक्योरिटी कंपनी Emsisoft के एनालिस्ट Brett Callow ने कहा कि इस हमले में कितनी कंपनियां शिकार बनी हैं, इसकी सटीक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है. विशेषज्ञों ने कहा कि इस रैनसमवेयर अटैक में इंक्रिप्शन के माध्यम से कंपनियों को डेटा उनके सिस्टम में लॉक कर दिए गए और इसे खोलने के एवज में साइबर क्रिमिनल बड़ी फिरौती मांग रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-व्हेल मछली की उल्टी का अवैध कारोबार, 6 करोड़ की एम्बरग्रीस के साथ मुंबई मेें दो गिरफ्तार
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