नई दिल्ली. कोरोना काल में भी अमूल का बिजनेस बढ़ा है. सहकारी कंपनी जीसीएमएमएफ ने यह जानकारी दी है. वह अमूल ब्रांड नाम से दूध और उससे बने उत्पादों की बिक्री करती है. कंपनी का कारोबार वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के प्रकोप के बावजूद दो प्रतिशत बढ़कर 39,200 करोड़ रुपए रहा. कंपनी के एमडी आरएस सोढ़ी ने यह जानकारी दी. गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लि. ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 38,550 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था. सोढ़ी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष के दौरान बिक्री में वृद्धि की रफ़्तार थोड़ी धीमी रही. लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसमें तेजी वापस आने की उम्मीद है.
सोढ़ी ने कहा, ‘‘हमने पिछले वित्त वर्ष के दौरान दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ 39,200 करोड़ रुपये का कारोबार किया. इस दौरान ताजा दूध, चीज, दही, छाछ और पनीर जैसे उत्पादों की श्रेणी में बिक्री 8.5-9 प्रतिशत बढ़ी थी.
सोढ़ी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में कंपनी की आइस क्रीम की बिक्री गर्मियों के दौरान लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण 35 प्रतिशत घट गई. पाउडर दूध (powder milk) का कारोबार भी प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रतिदिन 150 लाख लीटर दूध बेचते हैं. गुजरात से लगभग 60 लाख लीटर, दिल्ली-एनसीआर से 35 लाख लीटर और महाराष्ट्र से 20 लाख लीटर दूध बिकता है. हम चालू वित्त वर्ष के दौरान दोहरे अंकों की उच्च वृद्धि पर लौटने की उम्मीद कर रहे हैं.’’
2 रुपए बढ़ा दूध का दाम
सीजीएमएमएफ ने लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए एक जुलाई से अमूल दूध के दाम देशभर में दो रुपये लीटर प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं. कंपनी पंजाब, उत्तर प्रदेश, और कोलकाता में भी कारोबार करती हैं. इसके पास हर दिन 360 लाख लीटर दूध प्रसंस्कृत करने की क्षमता है. माना जा रहा है कि अमूल के दाम बढ़ाने के बाद अब दूसरी डेयरी कंपनियां भी दूध की कीमतें बढ़ा सकती हैं. दरअसल कोरोना के दौरान बढी लागत को निकालने के लिए कंपनियां दाम बढ़ाने का विचार कर रही हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-व्हेल मछली की उल्टी का अवैध कारोबार, 6 करोड़ की एम्बरग्रीस के साथ मुंबई मेें दो गिरफ्तार
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