सुकमा. पिछले कई सालों से नक्सल (Naxal) संगठन में काम कर रहे तीन नक्सलियों का संगठन से मोह भंग हो गया. इन्होंने शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ व पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इसके बाद अधिकारियों ने प्रोत्साहन राशि दी और शासन के नियमों का लाभ देने की बात कही. बीते शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सीआरपीएफ डीआईजी योज्ञान सिंह व एसपी सुनील शर्मा के समक्ष तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. जिसमें देवे (कांगेरघाटी एरिया कमेटी महुपदर एलओएस सदस्य) जिस पर एक लाख का इनाम घोषित है और वो गादीरास थानाक्षेत्र निवासी है.
भीमा (भूमकाल मिलिशिया सदस्य) भेजी थाना क्षेत्र निवासी है और तीसरा गंगा (डीएकेएमएस सदस्य) जो भेज्जी थानाक्षेत्र निवासी है तीनों पिछले कई सालों से नक्सल संगठन में काम कर रहे हैं. लेकिन संगठन से उनका मोहभंग हो गया और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. तीनों को प्रोत्साहन राशि दी गई. साथ ही शासन की पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात अधिकारियों ने कही.
सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने कहा कि अब नक्सलियों का संगठन के प्रति मोहभंग हो रहा है. क्योंकि नक्सल संगठन के बड़े लीडर स्थानीय नक्सलीयो पर अत्याचार कर रहे हैं और उनकी खोखली विचारधारा से तंग आकर और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. आने वाले दिनों में कई नक्सलियों के सरेंडर करने की उम्मीद है. कोरोना बीमारी के चलते भी नक्सलियां का नीचला कैडर परेशान है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों का इलाज करवाने का वादा पुलिस ने किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बस्तर के पूर्व सांसद बोले: छत्तीसगढ़ में 2023 में बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो कटवा दूंगा कान
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