रांची. देश भर में झारखंड की पहचान गरीब राज्य के तौर पर होती है. अब अगर इस गरीब राज्य में मंत्रियों के लिए बंगले बनाने पर 32 करोड़ रुपये की भारी रकम खर्च कर दी जाए तो इसका क्या अर्थ समझा जाएगा? खासकर तब, जब प्रदेश कोरोना संक्रमण के दौर में है और तीसरी लहर के लिए पुख्ता इंतज़ाम करने की चुनौती बनी हुई है. इस तरह के तमाम पहलुओं को टटोलते हुए राज्य में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने हेमंत सोरेन सरकार पर सवाल दागने शुरू कर दिए हैं. जानिए क्या है बंगलों पर सियासत और यह भी जानें कि आखिर ये बंगले कितने भव्य और खूबसूरत होने वाले हैं!
झारखंड में 12 मंत्रियों के बंगलों की चर्चा खूब हो रही है. कहा जा रहा है कि जिस आवास में झारखंड के मंत्री अभी हैं, वो क्या बंगले नहीं हैं? इन पर भी करोड़ों रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं. हर बार सरकार बदलती है तो मंत्रियों के आवास पर करोड़ों खर्च हो ही जाते हैं. स्थिति यह है कि राज्य सरकार समस्याओं के समय में खजाना खाली होने का रोना रो चुकी है. मुख्यमंत्री सोरेन खुद अनावश्यक राशि खर्च का विरोध कर चुके हैं. बावजूद इसके 32 करोड़ रुपये खर्च कर मंत्रियों के बंगले बनेंगे.
हेमंत सोरेन सरकार में बंगला निर्माण को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी ने सवालों की लड़ी लगा दी है. क्या मुख्यमंत्री की सोच विपक्ष में रहते हुए कुछ और सत्ता में आने के बाद कुछ और हो जाती है? बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने यह भी कटाक्ष किया कि कभी मुख्यमंत्री लाखों रुपये की कार खरीद कर चौंकाते हैं, तो कभी बंगला का उपहार दिखा कर.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड सरकार ने 17 जून तक बढ़ाया लॉकडाउन, जारी हुई नई गाइडलाइन
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