मुंबई. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से 'अभूतपूर्व' बताई जा रही बारिश का कहर राज्य में जारी है. गुरुवार शाम से लेकर अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 136 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा राज्य के कई गांवों का प्रमुख इलाकों से संपर्क टूट गया है. राज्य में सेनाओं की मदद से बड़े स्तर पर बचाव कार्य चल रहा है. बुरी तरह प्रभावित ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा, सांगली और कोल्हापुर जिलों से 7 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया है. इन हादसों में जान गंवाने वालों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने 5 लाख और केंद्र ने 2 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है.
कोविड अस्पताल में घुसा पानी
चिपलून के कोविड अस्पताल में भर्ती 8 लोगों की परिसर में पानी भरने के चलते मौत हो गई. कलेक्टर बीएन पाटील ने जानकारी दी, 'चार लोग वेंटीलेटर पर थे और उनकी मौत बिजली की कमी के कारण हो सकती है. वहीं, शायद चार ट्रॉमा के चलते मारे गए.' इस दौरान अकेले रायगढ़ जिले में ही 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और अलग-अलग हादसों में 13 घायल हो गए. जिले में 40 लोग अब भी लापता हैं. महाड़ तालुका के तालिये गांव में जनहानि के सबसे ज्यादा मामले 32 मामले दर्ज किए गए.
राज्य के पश्चिमी और उत्तरी इलाकों से भूस्खलन की भी खबरें आई हैं. पोलाडपुर तालुका के गोवेले पंचायत में गुरुवार रात करीब 10 बजे भूस्खलन हुआ, जिसमें 10 से ज्यादा घरों के प्रभावित होने की खबर है. मौके से 6 शव बरामद किए हैं. जबकि, 10 लोगों को बचा लिया गया है. सतारा के कलेक्टर शेखर सिंह ने बताया कि पाटन में कई जगहों पर लैंडस्लाइड के बाद 30 लोग लापता हैं और 300 को बचा लिया गया है. दो वाई में डूबे और 820 लोगों को कराड में बचाया गया है. उन्होंने कहा, 'हम शनिवार सुबह से बचाव कार्य शुरू करेंगे.'
कोल्हापुर और सांगली को 2019 जैसी बुरी स्थिति से बचने के लिए अलर्ट पर रखा गया है. कोल्हापुर के अभिभावक मंत्री सतेज पाटील ने कहा, 'कोल्हापुर की स्थिति बहुत खराब है. हम पूरी तरह कट गए हैं... करीब 300 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है. 2019 में पूरी तरह डूबे गांववालों को निकाल लिया गया है. कोयना के अलावा, कोल्हापुर स्थित अलमट्टी बांध से भी पानी छोड़ने की क्षमता को बढ़ाया गया है.'
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज
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