पटना. बिहार में सड़क दुर्घटना के बाद होने वाली मौतों के आंकड़े को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर एंबुलेंस चालकों को किराया मिलेगा साथ ही बिहार के सरकारी और प्राइवेट एंबुलेंसों को टॉल फ्री नम्बर से भी जोड़ा जाएगा. परिवहन विभाग द्वारा चालकों को यह राशि सड़क सुरक्षा निधि से दी जाएगी.
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर फैसला लिया हैं कि सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को कोई भी एंबुलेंस ड्राइवर समय पर अगर अस्पताल पहुंचाता है तो उसे घटनास्थल से अस्पताल तक का किराया सरकार देगी. परिवहन विभाग की ओर से ड्राइवर को यह राशि सड़क सुरक्षा निधि से दी जाएगी. विभाग ने समीक्षा की है कि सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का समय पर इलाज नहीं हो पाता है इसके चलते कई लोगों की इलाज के अभाव में मौतें हो जाती है. क्योंकि देशभर के आंकड़ों की तुलना में सबसे अधिक मौतें बिहार में देखने को मिली है, जहां समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें हो रही है.
इस मामले में केरल में 10.8 फीसदी, कर्नाटक में 27 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 53 फीसदी, मध्य प्रदेश में 22 फीसदी तो तामिलनाडू में महज 18.4 फीसदी ही मौतें होती है. साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 10,007 रोड़ एक्सीडेंट में 7205 लोगों की मौतें हुई है, ऐसे में दुर्घटना के बाद मौत के आंकड़ों में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया है. विभाग की मानें तो सरकारी या सरकार से जुड़े प्राइवेट एंबुलेंस ड्राइवरों की ओर से अस्पताल पहुंचाने का समय तय है लेकिन अज्ञात ड्राइवरों यदि पहुंचाएगा तो उन्हें कोई राशि देने का अब तक प्रावधान नहीं है, इसलिए विभाग ने तय किया है कि कोई भी एंबुलेंस ड्राइवरों अगर सड़क दुर्घटना के घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाएगा तो उसे सरकार की ओर से निर्धारित किया गया किराया दिया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार: सांसद ललन सिंह बनाए गए जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष, नीतीश कुमार ने जताया भरोसा
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