प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए साझेदारी, आईआरसीटीसी और बीएचईएल संभालेंगे परिचालन और निवेश

प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए साझेदारी, आईआरसीटीसी और बीएचईएल संभालेंगे परिचालन और निवेश

प्रेषित समय :18:25:00 PM / Tue, Aug 3rd, 2021

नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने प्राइवेट ट्रेन शुरू करने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है. सरकारी और प्राइवेट कंपनियां इसमें अपनी दिलचस्पी भी दिखा रही हैं. कंपनियों की तरफ से हाल ही में रेलवे मंत्रालय को 7200 करोड़ रुपये की बोली भी मिली थी.

देश में प्राइवेट ट्रेन चलाने में साझेदारी को लेकर आईआरसीटीसी और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (बीएचईएल) में बातचीत का दौर शुरू हो गया है. जानकारी के अनुसार, दोनों पीएसयू संयुक्त रुप से उस रूट पर ट्रेन चलाने की योजना तैयार कर रहे हैं, जहां आईआरसीटीसी ने भारतीय रेलवे की तरफ से जारी निविदा में अपनी बोली लगाई है. इस पार्टनरशिप में आईआरसीटीसी ट्रेन के परिचालन और मैनेजमेंट समेत अन्य जरूरतों पर काम करेगी, जबकि बीएचईएल प्राइवेट ट्रेन के लिए जरूरी पैसा लगाएगी.

दिल्ली, मुंबई क्लस्टर में कंपनियों का ज्यादा रुझान

हाल ही में रेल मंत्रालय ने बोलियों के लिए 12 क्लस्टरों की पेशकश की है, लेकिन रेलवे को तीन क्लस्टर मुंबई 2, दिल्ली 1 और दिल्ली 2 के लिए प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट के रूप में बोलियां मिली हैं. इन तीन क्लस्टर में करीब 30 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें (60 ट्रेनें) शुरू की जाएंगी. इन पर करीब 7200 करोड़ रुपये का निवेश होगा. प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट में पहली बार रेल नेटवर्क पर पैसेंजर ट्रेनें चलाने के लिए 30,000 करोड़ रुपये के निजी निवेश की उम्मीद की जा रही है.

रेलवे को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की तरफ से बोलियां मिली हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइवेट कंपनियों को दो चरण की कॉम्पिटिटिव बिडिंग प्रॉसेस के जरिए चुना जाएगा. यात्रियों की भारी तादाद और रेवेन्यू को देखते हुए कंपनियों ने सबसे ज्यादा रुझान दिल्ली और मुंबई क्लस्टर के लिए दिखाया है.

2023 तक 12 प्राइवेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य भारतीय रेलवे ने प्राइवेट ट्रेन योजना में मार्च 2023 तक 12 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनों का संचालन का लक्ष्य रखा है. 2027 तक इसकी संख्या बढ़ाकर 151 की जाएगी. फिलहाल रेलवे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के सुधार पर जोर दे रहा है. रेलवे के कायाकल्प के लिए 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के फंड की जरूरत है. इतना ज्यादा फंड इक_ा करने के लिए रेलवे ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल को अपनाया है. रेलवे और सरकार को उम्मीद है कि निजी क्षेत्र के आने से डेवलपमेंट का कामकाज ज्यादा तेज होगा. इसके अलावा सर्विस क्वॉलिटी भी बेहतर होगी. देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस है. इसकी शुरुआत 2019 में हुई थी. ये प्राइवेट ट्रेन नई दिल्ली और लखनऊ के बीच चलाई जाती है. इसका संचालन आईआरसीटीसी की तरफ से किया जा रहा है. सरकार ने प्राइवेट ट्रेन ऑपरेशन प्रोजेक्ट का लक्ष्य 30 हजार करोड़ रुपये रखा है. सरकार की कोशिश है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत इंडियन रेलवे को मॉडर्न और बेहतर किया जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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