केरल में बढ़ते कोरोना केस से आर्थिक संकट गहराया, किडनी और लीवर बेचने मजबूर

केरल में बढ़ते कोरोना केस से आर्थिक संकट गहराया, किडनी और लीवर बेचने मजबूर

प्रेषित समय :08:24:42 AM / Sun, Aug 8th, 2021

नई दिल्ली. केरल की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत दिखाई दे रहे हैं. आर्थिक संकट गहरा गया है. चाहे वह मृत्यु दर हो, टीकाकरण, ट्रैकिंग और टेस्टिंग व निगरानी हो, राज्य सभी में काफी आगे है, लेकिन दैनिक कोविड-19 मामले काफी अधिक हैं और कोरोना टेस्टिंग के पॉजिटिव आने की दर एक महीने से अधिक समय से दोहरे अंकों में बनी हुई है.

केरल एक असामान्य स्थिति से जूझ रहा है – यह जीवन बचाने और आजीविका की रक्षा के बीच संतुलन बनाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है. मलप्पुरम जैसे घनी आबादी वाले कुछ जिलों में स्थिति बेहद जटिल है जहां औसत टीपीआर 15 प्रतिशत से ऊपर है. राज्य में आत्महत्याओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जिसमें अधिकांश छोटे व्यापारी और किसान हैं. राज्य में कोविड -19 मामले लगातार बढ़ने की वजह से लोगों में हताशा साफ जाहिर हो रही है. इसके साथ ही कई लोगों का कहना है कि सरकार कोरोना के हालात के मद्देनजर राहत पैकेज में इजाफा तो कर रही है, लेकिन वास्तविकता के धरातल पर उसमें कुछ बदलाव नजर नहीं आ रहा है.

आर्थिक संकट से जूझ रहे एक स्ट्रीट वेंडर ने हाल ही में तिरुवनंतपुरम में एक बोर्ड लगाया, जिस पर लिखा था, ‘मेरी किडनी और लीवर ठीक है. मैं उसे बेचने के लिए तैयार हूं.’ इसी तरह से एक बस मालिक ने काफी दिनों से खड़ी अपनी बस पर एक नोटिस चिपकाया कि यह कोझीकोड में स्क्रैप के लिए बिक्री को तैयार है. ऐसे दृश्य इन दिनों केरल में आपको कहीं भी देखने को मिल जाएंगे. पिछले दो महीनों में राज्य में 30 से अधिक खुदकुशी के मामले देखे गए, जिसके पीछे की मुख्य वजह कोविड-19 थी. इतना ही नहीं, केरल की दुकानों पर ‘बिक्री के लिए’ बोर्ड नजर आना भी इन दिनों काफी आम है.

दो दिन पहले सरकार को अपने महामारी नियंत्रण उपायों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि मामले कई गुना बढ़ गए और केंद्र ने भी जवाब मांगना शुरू कर दिया था, लेकिन जमीनी हालातों से पता चलता है कि इन उपायों ने संकट को हल करने के बजाय और बढ़ा दिया. पाबंदियों से गुजर रहे केरल के बाजारों, पर्यटन स्थलों और अन्य जगहों पर इन दिनों सबसे ज्यादा सुना जाने वाला सवाल है, ‘हमें कब तक इस तरह परेशानी उठानी पड़ेगी?’ और किसी के पास इसका कोई जवाब नहीं है.

नए नियमों के अनुसार, दुकानों और मॉल में दुकानदारों और काम करने वाले कर्मचारियों को अपना कोविड-19 प्रमाण पत्र दिखाना होगा. नए नियमों से गुस्साए कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद करने की धमकी दी है. वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने हाल के नियमों को सही ठहराते हुए कहा, ‘हम अब कोरोना को हल्के में नहीं ले सकते. हमने संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सख्त कदम उठाए हैं.’

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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