कुंडली में चंद्र के साथ राहु या केतु की युति से बन जाता ग्रहण दोष!

कुंडली में चंद्र के साथ राहु या केतु की युति से बन जाता ग्रहण दोष!

प्रेषित समय :21:48:55 PM / Thu, Aug 12th, 2021

चंद्र की केतु या राहु से युति ग्रहण दोष कहलाती है.  चन्द्र ग्रहण से मानसिक पीड़ा और माता को हानि पहुंचती है.  स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. 

चंद्र-राहु युति ग्रहण योग राहु की गूढ़ता चंद्र की कोमलता को प्रभावित करती है और व्यक्ति शंकालु, हीन मानसिकता वाला बनता जाता है. 

किचद्रं राहु  युति मानसिक तनाव को बढ़ाती है.  परिस्थिति में ढलने की क्षमता कम करती है.  ये व्यक्ति जल्दी डिप्रेशन, मानसिक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.  हि‍स्टीरिया, मिर्गी जैसे रोग भी देखे गए हैं.  यह युति ऊपरी बाधा, गुप्त शत्रु, पानी से खतरा दिखाती है.  वैवाहिक जीवन में भी तनाव निर्माण करती है. 

अन्य योग प्रबल हो तो चंद्र-राहु की गूढ़ता व्यक्ति को रहस्यकथाओं का लेखक, जादूगर आदि भी बना सक‍ती है. 

चंद्र केतु की युति 

आप की कुंडली में अगर चंद्र केतु की युति है तो ऐसे जातक को समझ पाना बहुत कठिन होता है.  क्यों कि ऐसे में जातक कब क्या कर बैठे ये समझपाना मुश्किल होगा.  अगर आप की कुण्डली में ये युति है ?तो आप के लिए उचित रहेगा कि आप किसी भी कार्य को करने से पहले उस पर अच्छी तरीके से विचार कर ले.  नहीं  तो अपने उसी कार्य के कारण आप का मन दुखी हो सकता है. 

लेकिन इस के साथ  आप में  एक अच्छी quality ये होगी कि आप अपनी गलतियों से सबक लेंगे.  और इसी तरह की गलतियों वे बुराइयों को अपने आस पास से भी दूर कर देंगे. 

वैसे चंद्र केतु की युति ग्रहण दोष भी करती है.  आप की कुंडली मे चंद्र केतु या राहु की युति किसी भी भाव मे अगर साथ बैठे है और 9 अंश से अधिक का अंतर है तो ये ग्रहण दोष ज्यादा प्रभावशाली नहीं होगा. 
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

सुख समृद्धि प्राप्त करने के ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिष में स्वप्न विचार

जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से अगस्त 2021 का मासिक राशिफल

जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से 7 अगस्त 2021 तक का साप्ताहिक राशिफल

वैदिक ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में मंगल का प्रभाव और आप पर असर

Leave a Reply