मुंबई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में स्वदेशी को बढ़ावा देने का आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वतंत्र देश को स्वनिर्भर रहना है और जितना स्वनिर्भर रहेंगे उतना सुरक्षित रहेंगे.
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुंबई के एक स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भागवत ने कहा कि ‘आर्थिक सुरक्षा पर बाकी सारी सुरक्षा निर्भर है. हम चीन के बहिष्कार को लेकर कितना भी चिल्लाते रहे, लेकन जो हमारे मोबाइल हैं वो क्या हैं, अगर चीन पर निर्भरता बढ़ेगी तो फिर चीन के आगे झुकना पड़ेगा.
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक नियंत्रित उपभोक्तावाद आवश्यक है. उन्होंने कहा, जीवन स्तर इस बात से तय नहीं होना चाहिए कि हम कितना कमाते हैं, बल्कि इस बात से तय होना चाहिए कि हम लोगों के कल्याण के लिए कितना वापस देते हैं. उन्होंने कहा, हम खुश होंगे जब हम सबके कल्याण पर विचार करेंगे. खुश रहने के लिए हमें बेहतर आर्थिक स्थिति की जरूरत होती है और इसके लिए हमें वित्तीय मजबूती की आवश्यकता होती है.
भागवत ने कहा कि स्वदेशी होने का मतलब अपनी शर्तों पर कारोबार करना होता है. उन्होंने कहा, सरकार का काम उद्योगों को सहायता एवं प्रोत्साहन देना है. सरकार को देश के विकास के लिए जो जरूरी है उसका उत्पादन करने के निर्देश देने चाहिए. सरसंघचालक ने कहा कि उत्पादन जन केंद्रित होना चाहिए. साथ ही कहा कि ध्यान शोध एवं विकास, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) और सहकारी क्षेत्रों पर केंद्रित होना चाहिए.
संघ प्रमुख ने कहा, इस देश ने कई उदाहरण खड़े किए. दुनिया यही राह देख रही है कि भारत कब खड़ा होता है. भारत को नकल करने की जरूरत नहीं है. हमारे पास हजारों वर्षों की कसौटी पर खरा उतरा आर्थिक विचार है. वो समग्र है, उसमें अधूरापन नहीं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुंबई के कोर्ट का फैसला: पत्नी से जबरन सेक्स को गैर कानूनी नहीं कह सकते, पति को दी जमानत
रेलवे ने तैयार किया मेगा प्लान: दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा का सफर अब सिर्फ 12 घंटे में होगा पूरा
Leave a Reply