प्रदीप द्विवेदी. पीएम नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्हें लगता है कि उनसे पहले बने तमाम प्रधानमंत्री अयोग्य थे?
मोदीजी ने कथित डिग्री तो हासिल कर ली, लेकिन पन्नालाल पटेल को शायद नहीं पढ़ पाए हैं और न तो माही परियोजना को देखा है, न ही विनोबा भावे के भूदान को समझ पाए हैं.
वागड़ के मूल निवासी गुजराती के महान साहित्यकार पन्नालाल पटेल को पढ़ा होता तो शायद समझ पाते कि आजादी के समय देश के क्या हालात थे?
मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, हरिदेव जोशी, भीखाभाई जैसे नेताओं के माही परियोजना को लेकर किए गए कार्यों को देखा होता तो समझ में आता कि किसानों की तकदीर और खेतों की तस्वीर कैसे संवारी जाती है? तब समझ में आता कि- किसानों को अस्थाई राहत नहीं चाहिए, माही सिंचाई योजना जैसी स्थाई राहत चाहिए!
विनोबा भावे को समझा होता जो जान पाते कि छोटे किसानों और खेत मजदूरों की असली समस्याएं क्या हैं? क्या छोटे किसानों और खेती मजदूरों को खेती योग्य जमीन निशुल्क देने की कोई योजना है? यदि किसानों, खेती मजदूरों को पर्याप्त जमीन और सिंचाई सुविधाएं मिल जाएं तो पांच किलो गरीब अन्न योजना की जरूरत नहीं पड़ेगी, उल्टे किसान मोदी सरकार को दस किलो निशुल्क अनाज दे देंगे?
खबर है कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार देश के छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही
उनका यह भी कहना था कि- पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो नहीं हुआ.
सियासी सयानों का मानना है कि- साहेब, बड़े उद्योगपति मित्रों के हितों से बाहर निकलेंगे, तभी तो छोटे किसानों का फायदा होगा!
https://www.youtube.com/watch?v=7aew1A4bntg&t=61s
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-75 नई वंदे भारत ट्रेन चलाएगा रेलवे, देश भर को आपस में जोड़ेेंगी, पीएम मोदी ने की ये घोषणा
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