कराची. अफगानिस्तान की सत्ता में 20 साल बाद तालिबान की वापसी से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गदगद हैं. वहीं, पाकिस्तान के निवेशकों को इससे गहरा सदमा लगा है. आलम ये है कि पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में दांव लगाने वाले निवेशक अपना शेयर बेचकर निकल रहे हैं.
तीन माह बाद बड़ी गिरावट
सोमवार को अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान की इकोनॉमी के प्रमुख बेंचमार्क कराची स्टॉक एक्सचेंज (केएसई- 100) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. सोमवार को केएसई-100 इंडेक्स 257.05 अंक या 0.54 फीसदी कम होकर 46,912.79 अंक पर बंद हुआ. 27 मई के बाद पहली बार है जब कराची स्टॉक एक्सचेंज 47,000 अंक से नीचे बंद हुआ है. गिरावट का ये सिलसिला मंगलवार के कारोबार में भी देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट पर नजर रखने वाले स्थानीय एक्सपर्ट भी बाजार की ग्रोथ को लेकर आशंकित हैं.
2020 में हुआ था हमला
बीते साल पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज पर आतंकी हमला भी हुआ था. इस घटना में कुल 6 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि, हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी. आपको यहां बता दें कि साल पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में मुख्य तौर पर कराची स्टॉक एक्सचेंज को बेंचमार्क माना जाता है. हालांकि, लाहौर स्टॉक एक्सचेंज और इस्लामाबाद स्टॉक एक्सचेंज भी इसे प्रभावित करते हैं. साल 2016 में इन तीनों का विलय कर पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज का नाम दिया गया. कराची स्टॉक एक्सचेंज पाकिस्तान का सबसे बड़ा और पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसमें 100 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं.
पाक पीएम हैं गदगद
बहरहाल, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का स्वागत किया है. इमरान खान के मुताबिक अफगानिस्तान में इन दिनों जो हो रहा है, वह गुलामी की जंजीरों को तोडऩे जैसा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-विनेश फोगाट ने WFI से मांगी माफी, विश्व चैम्पियनशिप के लिए इजाजत मिलना मुश्किल
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के जर्नलिज्म ऐंड मास कम्युनिकेशन के पूर्व छात्रों की रीयूनियन
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