काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद यहां के हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं. यहां की महिलाओं और बच्चों से लेकर सरकारी अफसरों तक सभी का जीवन बेहाल हो चुका है, लेकिन यहां के हालात पिछले कुछ सालों में भी बहुत बेहतर नहीं थे. इसी वजह से यह आरोप लगाया जा रहा है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जानबूझकर अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथों में जाने दी है. यहां के पूर्व संचार मंत्री सैयद अहमद शाह सआदत की कहानी भी इसी तरफ इशारा करती है.
सैयद अहमद शाह आज जर्मनी में किसी साधारण कामगार की तरह जिंदगी बिता रहे हैं. वो जर्मनी के लिपजिग शहर में फूड डिलीवरी बॉय की नौकरी कर रहे हैं. यहां अखबार में छपी कहानी के अनुसार सैयद 2018 तक अफगान सरकार में मंत्री थे. वो अफगानिस्तान में संचार से जुड़े मुद्दों पर मदद करने गए थे, लेकिन अशरफ गनी के साथ उनके मतभेद हो गए. इसके बाद उन्होंने मंत्रीपद के साथ ही देश भी छोड़ दिया और जर्मनी में जाकर रहने लगे. उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें अशरफ गनी की सरकार गिरने की आशंका थी.
डिलीवरी-बॉय की नौकरी से चला रहे घर
जर्मनी आने के बाद सैयद के पास पैसा था और उसी से उनका परिवार चल रहा था, लेकिन कुछ समय बाद यह पैसा खत्म हो गया. इस बीच उन्होंने कई जगह नौकरी के लिए आवेदन भी किया पर सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने पिज्जा और दूसरे खाने की डिलीवरी शुरू की और अब इसी के जरिए उनके परिवार का खर्च निकल रहा है. अब वो अपनी साइकिल से घर-घर जाकर खाने की डिलीवरी करते हैं.
अभी पढऩा चाहते हैं सैयद
रिपोर्ट के अनुसार सैयद ने कहा फिलहाल में एक बेहद साधारण जिंदगी बिता रहा हूं. मैं जर्मनी में सुरक्षित महसूस करता हूं. मैं अपने परिवार के साथ खुश हूं. मैं पैसे बचाकर जर्मन कोर्स करना चाहता हूं और आगे पढऩा चाहता हूं. मैंने कई नौकरियों के लिए आवेदन किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया. मेरा सपना जर्मन टेलीकॉम कंपनी में काम करने का है. सैयद का सपना टेलीकॉम कंपनी में काम करने का है. यह कंपनी यूरोप की सबसे बड़ी टेलीकम्युनिकेशन्स कंपनी है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं सैयद
सैयद अहमद शाह सआदत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से दो मास्टर डिग्री ली हैं, उनकी पहली डिग्री इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग और दूसरी डिग्री संचार के क्षेत्र में है. उन्होंने 13 देशों में कम्युनिकेशन से संबंधित 20 से ज्यादा फील्ड में काम किया है. उन्होंने कुल मिलाकर 23 साल तक कम्युनिकेशन के क्षेत्र में काम किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अफगानिस्तान संकट पर पीएम मोदी और पुतिन के बीच बातचीत, 45 मिनट तक हुई चर्चा
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