काबुल. बहुत से लोगों के लिए हैरानी की बात हो सकती है कि तालिबान के खिलाफ युद्ध में आखिर क्यों अफगानिस्तान ने अपनी वायुसेना का ना के बराबर इस्तेमाल किया. जबकि उनके पास इसकी ठीकठाक ताकत थी. वर्ष 2002 में अफगानिस्तान ने अपनी नई एयरफोर्स बनाई थी. जिसका हेडक्वार्टर काबुल में था.
अफगानिस्तान एयरफोर्स के पास 242 एयरक्राफ्ट थे, जिनमें फाइटर, हेलिकॉप्टर्स, परिवहन जहाज इत्यादी का बेड़ा मौजूद था. एयरफोर्स में कुल मिलाकर 7000 से ज्यादा सैन्यकर्मी थे लेकिन जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तो अफगानिस्तान एयरफोर्स खाली हो चुकी थी.
उसके सैन्यकर्मी विमानों और हेलिकॉप्टर्स के साथ पड़ोसी देशों की ओर उड़ चुके थे.यानि तालिबान ने जब तक अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तब तक इस देश की एय़रफोर्स विमानों के साथ गायब हो चुकी थी. अब काबुल एय़रफोर्स हेडक्वार्टर और दूसरे एयरबेस पर जो 40-50 विमान और हेलिकॉप्टर खड़े हैं. वो केवल कबाड़ हैं.
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