जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में कोरोना काल में संक्रमितों मरीजों से अनाप-शनाप बिल वसूलने वाले चार अस्पतालों की मान्यता एमपी हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रद्द कर दी गई है. जबलपुर के निजी अस्पतालों के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर शनिवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के अधिकारियों को चार अस्पतालों की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि इन चारों अस्पतालों की बैंक गारंटी भी जब्त की जानी चाहिए. हाईकोर्ट द्वारा जिन चार अस्पतालों की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिये गये हैं, उनमें शहर की चार बड़े अस्पताल मेट्रो हॉस्पिटल, सिटी हॉस्पिटल, स्वास्तिक हॉस्पिटल और अनंत अस्पताल के नाम शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि ने कोरोना संक्रमण के दौरान इन अस्पतालों में भर्ती होने वाले सीजीएचएस योजना के लाभार्थी मरीजों का फ्री में इलाज करने की बजाये, अस्पताल प्रबंधन ने भारी भरकम रकम वसूली थी. इसे लेकर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी.
इसी याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने सीजीएचएस दिल्ली को जांच के बाद कार्यवाही करने के आदेश दिए थे. जाँच में शहर के चार अस्पतालों की गलती पाई गई जिसके बाद अब इन अस्पतालों की सीजीएचएस मान्यता रदद् करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह भी कहा है की इन चारों अस्पतालों की बैंक गारंटी भी जब्त की जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर से दो और हवाई सेवा शुरु, आज इंदौर-हैदरबाद के लिए उड़ा विमान
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