पोलिश जीवविज्ञानी रुडोल्फ़ वाइगल की 138वीं जयंती पर एक ख़ास डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. रुडोल्फ़ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फैली महामारी टाइफस के खिलाफ पहली प्रभावी टीका बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं. आज उनका 138वां जन्मदिन है. डूडल में आविष्कारक को अपने दस्ताने वाले हाथों में एक टेस्ट ट्यूब के साथ चित्रित किया गया है. चित्रण में दीवार पर जूँ भी दिखाई गई है, और सबसे बाएं कोने में एक मानव शरीर दर्शाया गया है, जबकि गूगल का नाम एक माइक्रोस्कोप, बन्सन बर्नर पर बीकर, और सभी को एक लैब टेबल पर रखे धारकों में टेस्ट ट्यूब के साथ चित्रित किया गया है.
बता दें कि टाइफस शरीर में जूँ से फैलता है और पूरे इतिहास में लाखों मौतों के लिए जिम्मेदार रहा है. रुडोल्फ़ वाइगल का जन्म 1883 में मोराविया के प्रेरौ, आधुनिक Czech गणराज्य जो अब Czechoslovakia के नाम से जाना है में हुआ था, जो उस समय ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य का हिस्सा था. वे मूल रूप से जर्मन के थे. लेकिन पोलैंड में पले-बढ़े जहां उन्होंने पोलिश भाषा और संस्कृति को अपनाया.
साल 1907 में, वीगल ने पोलैंड के ल्वो विश्वविद्यालय से जैविक विज्ञान में डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने जूलॉजी, तुलनात्मक शरीर रचना और ऊतक विज्ञान और जैविक ऊतकों की सूक्ष्म शरीर रचना का अध्ययन किया और इसमें डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की.
पूरे यूरोप में टाइफस के प्रसार के दौरान वाइगल ने शोध किया, जिसमें उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में संक्रमित जूँ उगाई और उनके पेट को काटकर उसे मैश कर उसे एक वैक्सीन में बदल दिया. शोध के समय वाइगल खुद इस बीमारी से संक्रमित हो गए लेकिन ठीक हो गए.
साल 1936 में वाइगल के टीके को इसके पहले लाभार्थी को सफलतापूर्वक प्रशासित किया गया. अपने ऐतिहासिक काम के लिए रुडोल्फ़ वाइगल को नोबेल पुरस्कार के लिए दो बार नामांकित किया गया था. 1957 में 74 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गूगल के इस प्रोडक्ट ने रचा इतिहास, दुनिया की पॉपुलेशन से ज्यादा हुआ डाउनलोड
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