पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में सहारा इंडिया की विभिन्न शाखाओं में करीब 25 हजार निवेशकों के 250 करोड़ रुपए सालों से फंसे है, निवेशक अपना रुपया पाने के लिए आफिसों के चक्कर लगा रहे है, जिन्हे कभी तो आफिस बंद मिलता है या फिर उन्हे जल्द ही रुपया लौटाने का झुनझुना ही पकड़ाया जा रहा है. इनमें से कुछ निवेशकों ने अपनी शिकायत ईओडब्ल्यू में की है, अन्य निवेशकों ने भी अब अपना रुपया पाने के लिए शिकायतें करने का मन बना चुके है.
बताया जाता है कि जबलपुर में सहारा इंडिया ने एक के बाद एक शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में करीब दो दर्जन से ज्यादा ही कार्यालय खोले, इसके बाद क्षेत्रीय लोगों को सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में लाभ दिए जाने का लालच देकर रुपया निवेश कराया, शुरुआती दौर में तो लोगों को योजनाओं का लाभ दिया गया, योजनाओं का लाभ मिलने की खबर फैलाने के लिए सहारा इंडिया ने अपने एजेंटों को भी गांव गांव तक पहुंचाकर लोगों से संपर्क तक कराया, देखते ही देखते लोगों ने अपना रुपया निवेश करना शुरु कर दिया, इस तरह से सहारा इंडिया के जबलपुर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 25 हजार से ज्यादा निवेशकों ने 250 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश इस उम्मीद से कर दिया कि उन्हे जल्द ही परिपक्वता पूर्ण होने पर लाभ मिलेगा, लेकिन जैसे ही परिपक्वता अवधि पूरी हुई और वे कार्यालय पहुंचे तो उन्हे आश्वासन दिया कि जल्द ही रुपया मिल जाएगा, निवेशक इंतजार ही करते रहे लेकिन उन्हे रुपए नहीं मिले, जबकि जबलपुर में अधिकतर लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई सहारा इंडिया में यह सोचकर लगाई थी वक्त पर रुपया मिलेगा तो वे अपनी बेटी की शादी करेगें, मकान बनवाने में रुपए काम आए, कोई रोजगार करेगें, लेकिन निवेशकों की उम्मीदों पर सहारा इंडिया ने पानी फेर दिया. सूत्रों की माने तो कई निवेशक तो ऐसे भी है जिन्हे करीब 8 साल से रुपए दिए जाने का इंतजार कराया जा रहा है, वे भी अब शासकीय जांच एजेंसियों में शिकायत करने का मन बना चुके है, आने वाले दिनों में सहारा प्रमुख सुब्रतो राय की मुश्किलें और बढ़ेगी.
जांच एजेंसी ने भी बढ़ाया जांच का दायरा-
32 निवेशकों की शिकायत के बाद जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने भी जांच का दायरा बढ़ा दिया है कि अधिकारी शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में खुली सहारा की शाखाओं के बारे में की जांच में जुट गई है, ताकि इस बात का खुलासा हो सके कि अभी तक और कितने निवेशकों की खून पसीने की कमाई को सहारा इंडिया डकार चुका है.
32 निवेशकों की शिकायत पर हो चुका है सहारा प्रमुख सुब्रतो राय सहित अन्य सात पर प्रकरण दर्ज हो चुका है-
सहारा इंडिया कंपनी द्वारा रुपए न दिए जाने पर जबलपुर व कटनी के 32 निवेशकों की शिकायत पर जांच करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने सहारा प्रमुख सुब्रतो राय सहित अन्य सात अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज किया है. इसके साथ ही जांच शुरु कर दी गई है, अधिकारियों का कहना है कि जांच में और भी जो भी तथ्य सामने आएगें, उस आधार पर आगे कार्यवाही की जाएगी.
परिपक्वता अवधि पूरी होने के एक माह बाद दिया जाता था रुपया-
खबर है कि सहारा इंडिया द्वारा निवेशकों की परिपक्वता अवधि पूरी होने के करीब एक बाद ही रुपए वापस किए जाते रहे, जबकि नियम यह है कि जिस दिन परिपक्वता अवधि पूरी होती है तो उसी दिन निवेशक को लाभांश सहित रुपया वापस किया जाए, सहारा द्वारा निवेशकों का रुपए एक माह बाद दिया जाता, जिससे उक्त राशि का एक माह का ब्याज सहारा इंडिया कंपनी स्वयं रखती थी. ऐसा सभी निवेशकों के साथ किया जाता रहा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर के अफसर बिजली चोरी पर नहीं पा सके काबू तो प्रमुख सचिव को उतरना पड़ा फील्ड पर, कई मामले पकड़े
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